ओडिशा में अब जरूरी दस्तावेज़ों पर आधार नंबर देना होगा अनिवार्य

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ओडिशा के राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग ने हाल ही में एक अहम आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों के लिए आधार संख्या अनिवार्य होगी. यह कदम सेवाओं को सरल बनाने और धोखाधड़ी के लेन-देन को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है.

12 जून 2025 को जारी इस आदेश में आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, और भूमि अभिलेखों को उन दस्तावेज़ों के रूप में शामिल किया गया है, जिनके लिए अब आधार नंबर की आवश्यकता होगी. सरकार का लक्ष्य है कि प्रत्येक प्रमाण पत्र को एक अद्वितीय बायोमेट्रिक पहचान से जोड़ा जाए, जिससे धोखाधड़ी की संभावना खत्म हो सके.

नया नियम सिर्फ कागजी दस्तावेज़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सभी सरकारी सब्सिडी, कल्याण योजनाओं और भूमि कर रियायतों पर भी लागू होगा. जब कोई किसान या परिवार आवेदन करेगा, तो स्क्रीन पर आधार नंबर या केंद्रीय सर्वर पर नया अंगूठा प्रमाणन दिखना अनिवार्य होगा.

सरकारी अधिकारी यह दावा कर रहे हैं कि यह पहल 2016 के आधार अधिनियम के तहत पूरी तरह से उचित है, जो विशेष रूप से लक्षित तरीके से लाभ पहुंचाने के लिए लिखा गया था. मिशन बसुंधरा 3.0 के तहत, भूमि टाइटल की प्रक्रिया के दौरान उसी आधार संख्या या संबंधित पैन का उपयोग किया जाएगा, जब सेवेसेतु पोर्टल के माध्यम से कार्यवाही की जाएगी.

राज्यभर में रिकॉर्ड-कीपर्स का मानना है कि इस बदलाव से डुप्लीकेट एंट्रीज़ कम होंगी और यह सुनिश्चित होगा कि योग्य व्यक्तियों को ही लाभ मिले. इस पहल का दीर्घकालिक उद्देश्य ओडिशा के भूमि रिकॉर्ड्स को पूरी तरह से डिजिटलीकरण करना है, जो राज्य पिछले कुछ वर्षों से चाहता रहा है.

अब ओडिशा के सभी सरकारी दफ्तरों में आधार कार्ड की मांग की जाएगी, जैसा कि गृह विभाग ने स्थानीय मीडिया को बताया. इस कदम से यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि किसे क्या मिल रहा है और कार्यों की गति में वृद्धि होगी.

यूआईडीएआई का कहना है कि केवल अंगूठे का निशान या आईरिस की स्कैनिंग से ही जानकारी दी जाती है, जिससे नाम, फोन नंबर और पता हमेशा सुरक्षित रहता है और सर्वर से बाहर नहीं जाता है.

हालांकि, कुछ गांववाले इस प्रक्रिया से असहज महसूस कर रहे हैं; सभी ने अब तक नामांकन केंद्रों का दौरा नहीं किया है, और कुछ पुराने फोन बायोमेट्रिक टच को पहचानने में विफल हो रहे हैं.

जो लोग सिस्टम से बाहर हैं, उनके लिए विभाग ने सार्वजनिक सुविधा केंद्रों या सामान्य सेवा केंद्रों को रास्ता दिखाया है, जहां जितने भी किट बिजली की आपूर्ति के अनुसार चल रहे हैं, उनका उपयोग किया जा सकता है.

मिशन बसुंधरा 3.0 20 अक्टूबर 2024 को शुरू हुआ था, और सूर्योदय से पहले आठ लाख से अधिक आवेदन पूरी प्रक्रिया से गुजर चुके थे, प्रत्येक आवेदन आधार संख्या से जुड़ा हुआ था.

ओडिशा डिजिटल शासन की दिशा में कई अन्य राज्यों से आगे बढ़ रहा है, लेकिन इस योजना की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि क्या प्रत्येक नागरिक को वह आधार कार्ड या संख्या प्राप्त हो सकेगी.

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