गरियाबंद में हाथियों की आमद से दहशत

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गरियाबंद |  हाथियों की गांवों में आमद ने वन बिभाग की चिंता बढ़ा दी है | महासमुंद  के बाद अब गरियाबंद में हाथियों की आमद से लोग दहशत में हैं| बीती रात फिंगेश्वर की गलियों में में दो हाथी मदमस्त होकर घूमते रहे| वैसे हाथियों ने जान-माल का  नुकसान नहीं पहुचाया| बताया गया कि इन्ही हाथियों ने बीते दिनों कुंडेल धान खरीदी  केंद्र के चौकीदार को कुचलकर मार दिया था।

मिली जानकारी के मुताबिक हाथियों का दल गरियाबंद के   फिंगेश्वर की गलियों में घंटों घूमता रहा। इसके   बाद सरकड़ा, बिडोरा गांव की तरफ बढ़ गया।  अब वे खुरसा गांव के आसपास है|

फिंगेश्वर वन विभाग के मुताबिक बीती रात दो हाथी  फिंगेश्वर  में लगभग दो घण्टे घूमते रहे। इस दौरान वे धान संग्रहण केंद्र में घुसे। इसके बाद दोनो हाथी सूखा नदी के रास्ते बिडोरा और सरकड़ा गांव की तरफ निकल गए। ग्रामीणों के  शोर शराबे से खुरसा की तरफ बढ़ गए। फिलहाल ये यहीं  मौजूद हैं।

वन अमला हाथियों की गतिविधियों पर नजर रखे हुए है। लोगों को भी सचेत कर अकेले जंगल जाने से मना किया गया है। हाथियों को न छेड़ने और से दूरी बनाए रखने हिदायत दी गयी है।

बहरहाल हाथियों की आमद से  बिडोरा और सरकड़ा  के लोग दहशत में है।

बता दें बीते दिनों महासमुंद जिले के सरायपाली में हथिनी अपने शावक के साथ शहर भर में घुमती रही जिससे लोग दहशत में थे| सरायपाली से खदेड़े जाने के बाद इस हथिनी ने करीब आकर सेल्फी ले रहे युवक को पटक कर मार डाला था|

कोमाखान –खल्लारी इलाके में भी हाथियों की इसी तरह आमद होती रही है| धान खरीदी केन्द्रों में पहुचकर रखे अनाज को अपना आहार बना रहे हैं|

जानकारों का मानना है कि हाथियों ने छत्तीसगढ़ में अपना कॉरिडोर बना लिया है।परन्तु अब जंगलो में उनके भोजन पानी की कमी के कारण वे शहर की ओर पहुच रहे है।गर्मी बढ़ने के साथ ही हाथियों के शहर की ओर प्रवेश बढ़ेगा इसके लिए शासन को जंगलो के भीतर ही हाथियों के भोजन पानी की व्यवस्था करनी ही होगी।अन्यथा कभी कोई बड़ी घटना से भी इंकार नही किया जा सकता।

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