कोरिया में 14 बाल विवाह रोके गये

छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग के कोरिया जिले में टीम ने इस साल 14 बाल-विवाह रोकने में सफलता पाई है। इससे कई मासूम जिंदगियों को फिर से खेलने-पढ़ने और जीवन जीने का अवसर मिल सका है। 

0 168

- Advertisement -

रायपुर | छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग के कोरिया जिले में टीम ने इस साल 14 बाल-विवाह रोकने में सफलता पाई है। इससे कई मासूम जिंदगियों को फिर से खेलने-पढ़ने और जीवन जीने का अवसर मिल सका है।

बाल विवाह जैसी समाजिक कुरीति को रोकने के लिए राज्य सरकार के निर्देश पर जिलों में प्रशासन द्वारा गठित टीम के द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है।

विगत दिनों में विकासखण्ड बैकुण्ठपुर के ग्राम कसरा एवं विकासखण्ड खड़गवां के ग्राम उधनापुर में बाल विवाह का प्रकरण संज्ञान में आने पर टीम ने मौके पर पहुंच कर दोनों विवाह रूकवाए। दोनों ही मामलों में प्रमाणपत्रों का निरीक्षण करने पर बालिकाओं की आयु 18 वर्ष से कम पाई गई।

- Advertisement -

महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी के नेतृत्व में जिला बाल संरक्षण इकाई की टीम के द्वारा दोनों पक्षों से बात-चीत कर पंचनामा तैयार किया और बाल-विवाह को रोकने के लिए मनाया गया। इस मौके पर किशोर पुलिस इकाई के सदस्य भी मौजूद थे।

उल्लेखनीय है कि बाल विवाह एक सामाजिक बुराई ही नहीं अपितु कानूनन अपराध भी है। बाल  विवाह  प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत बाल विवाह करने वाले वर एवं वधु के माता-पिता, सगे संबंधी, बराती एवं विवाह कराने वाले पुरोहित पर भी कानूनी कार्यवाही की जा सकती है। वर या कन्या बालिग होने के पश्चात् विवाह को शून्य घोषित करने हेतु न्यायालय में आवेदन भी कर सकते है।

बाल विवाह के कारण बच्चों में कुपोषण, शिशु-मृत्यु दर एवं मातृ-मृत्यु दर के साथ घरेलू हिंसा में भी वृद्धि होती है। जनप्रतिनिधियों, नगरीय निकाय तथा पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों, स्वयं सेवी संगठनों एवं आमजनों से सहयोग प्राप्त करके ही इस कुप्रथा के उन्मूलन हेतु कारगर कार्यवाही की जा सकती है ।

Leave A Reply

Your email address will not be published.