महासमुन्द: कब रुकेगा हाथियों का कहर

Chhattisgarh के महासमुन्द जिले में हाथियों हाथियों का कहर  लगातार जारी है।वह विभाग के पास कोई ठोस कार्ययोजना नहीं होने से जिले में हाथियों के हमले से हताहतों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।इस रेंज में पदस्थ प्रभारी रेंजर भी मात्र ग्रामीणों को चेतावनी देने का कार्य ही कर रहे है। अलबत्ता हाथियों का उत्पात जारी है।

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महासमुन्द| Chhattisgarh के महासमुन्द जिले में हाथियों हाथियों का कहर  लगातार जारी है।वह विभाग के पास कोई ठोस कार्ययोजना नहीं होने से जिले में हाथियों के हमले से हताहतों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।इस रेंज में पदस्थ प्रभारी रेंजर भी मात्र ग्रामीणों को चेतावनी देने का कार्य ही कर रहे है। अलबत्ता हाथियों का उत्पात जारी है।

मिली जानकारी के अनुसार जिले में हाथियों के हमले से सोमवार को 23 वी मौत हुई। इस घटना के बाद भी वन विभाग ने हमेशा की तरह मृतक को तात्कालिक सहायता 25 हजार रुपये प्रदान कर दिए और शेष मुआवजा राशि शेष कार्यवाही पूर्ण करने के बाद प्रदान की जाएगी। हाथियों के हमले से लगातार हो रही मौतो के एवज में विभाग मात्र मुआवजा ही दे कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर रहा है।जबकि वन विभाग के उच्च अफसरों को हाथीयो के उत्पात का कारण तलाशना चाहिए जिससे हाथियों की समस्या का निदान हो सके।परन्तु उच्च स्तर पर भी इसकी जहमत उठाने अफसर तैयार नहीं  हैं |

 कोरिडोर अधर में

दूसरी ओर ग्रामीणों की मौतो से बेखबर सरकारी नुमाइंदों ने हाथियों के लिए कॉरिडोर की घोषणा तो कर दी परन्तु इसमें भी राजनीति होने लगी आए कॉरिडोर का क्षेत्र कम ज्यादा के चक्कर मे उलझ कर ग्रामीणों को उनके हाल पर छोड़ दिया है।

इस सम्बंध में जानकार बताते है कि हाथियों के उत्पात से ग्रामीणों को बचाने सबसे सशक्त भूमिका रेंज अफसर की होती है परन्तु महासमुन्द जिला मुख्यालय में भी वन अधिकारियों ने रेंजरों को दूर रखते हुए डिप्टी रेंजर को प्रभार दे दिया है जिससे अब ग्रामीणों को हाथियों के लोकेशन की जानकारी ही मिल पा रही है।जबकि समाधान दूर दूर तक नहीं मिल रहा।

 देखें वीडियो: अभी भी गांव में घूम रहे हाथी

महासमुन्द जिले के अनेक ग्रामो के आसपास अभी भी झुंड से बिछड़े हाथी घूमते दिख रहे है।सोमवार को ही सुबह -सुबह ग्राम कोकडी बस्ती मे घुसा एक दंतैल हाथी घूमता दिखा।इसे देख कर गांव मे दहशत व्याप्त हो गयी थी। जिसे ग्रामीणो ने ही खदेडा ,वर्तमान मे हाथी कक्ष क्रमांक 36 के जंगल मे मौजूद बताया जा रहा है।ग्रामीण मानते है कि अब हाथी के बागबाहरा वनपरिक्षेत्र में आने की संभावना है|

करोड़ो खर्च नतीजा सिफर

जानकारों के अनुसार वन विभाग द्वारा अब तक हाथी उन्मूलन के लिए करोड़ो रूपये शासन के फूंक  दिए परन्तु नतीजा सिफर ही रहा है। ग्रामीणों का मानना है कि हाथियों से ग्रामीणों को बचाने किसी जानकर अधिकारी या कर्मी का सहयोग लिया जाना चाहिए जिससे हाथी को खदेड़ने की बजाय ग्रामीणों को उसके साथ रहने के लिए प्रेरित करने की जरूरत  है।

deshdigital के लिए रजिंदर खनूजा की रिपोर्ट 

 

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