जवानों की बस को नक्सलियों ने उड़ाया, 4  शहीद   

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नारायणपुर| छत्तीसगढ़ के बस्तर के नारायणपुर जिले में नक्सलियों ने जवानों से भरी बस को ब्लास्ट कर उड़ा दिया है| हमले में 4 जवान शहीद हो गये है, जबकि 14 जवान घायल है| घटना की पुष्टि एसपी मोहित गर्ग ने की है|

शहीद जवानों में जय लाल उइके ग्राम-कसावाही (प्रधान आरक्षक),करन देहारी अंतागढ़,(ड्राइवर) सेवक सलाम कांकेर,पवन मंडावी बहीगांव विजय पटेल नारायणपुर है|

बताया जा रहा है कि बस में 24 डीआरजी के जवान सवार थे| सभी डीआरजी के जवान बस में सवार होकर धौड़ाई थाना क्षेत्र के कडेनार से मंदोड़ा जा रहे थे|

तभी घात लगाए बैठे नक्सलियों ने बस पर आईईडी ब्लास्ट कर दिया|

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बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि नक्सली हमले में 1 वाहन चालक सहित 04 जवान शहीद हो गये है| घटना में अन्य 2 जवान गंभीर रूप से घायल है तथा 12 अन्य जवानों को मामूली चोट आई है| जिन्हे प्राथमिक उपचार के बाद भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर के माध्यम से रायपुर भेजा जा रहा है|

उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले दंतेवाडा जिले में डीआर जी के जवानों ने मुठभेड़ में दो इनामी नक्सलियों को मार गिराया था| शव और हथियार भी बरामद किये गए थे|

इधर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने नारायणपुर में नक्सलियों द्वारा जवानों से भरी बस को ब्लास्ट से उड़ाने की घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है।  जवानों की शहादत पर मुख्यमंत्री ने गहरा दुख प्रकट किया है। उन्होंने शहीद जवानों और वाहन चालक के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए कहा है कि सुरक्षा बलों की लगातार की जा रही कार्रवाई से नक्सलियों के पैर उखड़ने लगे हैं। यह घटना नक्सलियों की हताशा का परिणाम है। नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों का अभियान और तेज होगा।

मुख्यमंत्री ने इस घटना में घायल जवानों को बेहतर से बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं, साथ ही उन्होंने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक श्री डी.एम. अवस्थी को घटना की पूरी जानकारी लेकर सभी आवश्यक कदम शीघ्र उठाने के निर्देश दिए हैं।

बता दें नक्सलियों ने 17 मार्च को शांति वार्ता का प्रस्ताव सरकार के सामने रखा था। नक्सलियों ने विज्ञप्ति जारी कर कहा था कि वे जनता की भलाई के लिए छत्तीसगढ़ सरकार से बातचीत के लिए तैयार हैं। उन्होंने बातचीत के लिए तीन शर्तें भी रखीं थीं। इनमें सशस्त्र बलों को हटाने, माओवादी संगठनों पर लगे प्रतिबंध हटाने और जेल में बंद उनके नेताओं की बिना शर्त रिहाई शामिल थीं।

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