बारनवापारा के रवान रेंज में पेड़ बनते ही कटने लगे रतनजोत

करीब 15 बरस पहले बारनवापारा परियोजना मंडल के अन्तर्गत रवान में करोड़ों  खर्च कर लगाये गए रतनजोत के पेड़ काटे जा रहे  हैं | वन अमला मौन बना हुआ है |

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पिथौरा| करीब 15 बरस पहले बारनवापारा परियोजना मंडल के अन्तर्गत रवान में करोड़ों  खर्च कर लगाये गए रतनजोत के पेड़ काटे जा रहे  हैं | वन अमला मौन बना हुआ है |

बारनवापारा परियोजना मंडल के अन्तर्गत परियोजना परिक्षेत्र रवान रेंज के रवान में  बार से रायतूम मार्ग पर में राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत वर्ष 2007 -2008 में करोड़ों रूपये  खर्च कर कक्ष क्रमांक 88 एवं 89 सहित कक्ष क्र 117 एवं 118 में रतनजोत का पौधारोपण  किया गया था ।

रतनजोत के पौधे अब पेड़ बन चुके हैं और इसके साथ ही इनकी अंधाधुंध कटाई शुरू हो गई है | हैरत की बात तो यह है की  वन विकास निगम रवान बेरीयर से महज दस मीटर की दूरी पर लोगों ने बेधड़क कटाई की है।

जंगल की जमीन  पर अवैध कब्ज़ा के लिए भी अवैध कटाई के कई मामले अब तक सामने आते रहे हैं |

ग्रामीणों की मानें तो आते जाते इस अवैध कटाई को देख कर भी जिम्मेदार विभागीय अधिकारी मौन है। अफसरों का अवैध कटाई पर मौन रहना अब  विभाग वालों के प्रति अनेकों संदेह को जन्म देने लगा है।

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इधर पर्यावरण प्रेमी इस  मामले में जांच कर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं | छत्तीसगढ़ लोकहित सेवा संस्थान के अध्यक्ष लोचन चौहान ने उक्त अवैध कटाई पर आक्रोश व्यक्त करते हुए जिम्मेदार अफसरों पर कठोर कार्रवाई  की मांग की है।

इस सम्बंध में वन विकास निगम रवान के सम्बंधित अधिकारियों से संपर्क का प्रयास किया गया परन्तु उनका मोबाइल बन्द होने के कारण उनका पक्ष  नही लिया जा सका |

बता दें छत्तीसगढ़ में भाजपा शासन काल में रतनजोत लगाकर बायोडीजल की महत्वाकांक्षी परियोजना शुरू की गई थी | खाड़ी नहीं अब बाड़ी से का नारा देकर रतनजोत के रोपण को प्रचारित किया गया था |

deshdigital के लिए रजिंदर खनूजा

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