छत्तीसगढ़ में फूड इररेडियेशन प्लांट, खाद्य सामग्री सीधे विदेशों को
छत्तीसगढ़ सरकार फूड इररेडियेशन प्लांट स्थापित करेगी | इससे प्लांट की खाद्य सामग्री सीधे विदेशों को सप्लाई की जाएगी।
रायपुर | छत्तीसगढ़ सरकार फूड इररेडियेशन प्लांट स्थापित करेगी | इससे प्लांट की खाद्य सामग्री सीधे विदेशों को सप्लाई की जाएगी। भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर से गोबर से विद्युत उत्पादन तथा फूड इररेडियेशन प्लांट की टेक्नालॉजी हस्तांतरण की प्रक्रिया जारी है | आखिर क्या है फूड इररेडियेशन? किसानों के लिए कितना फायदेमंद होता है ?
भारत में सदियों से खाद्य पदार्थों को सूर्य की ऊर्जा से संरक्षित किया जाता है | पारम्परिक रूप से फलों और सब्जियों , मांस, मछली,आदि को धूप दिखाकर सूखे रूप में रखा जाता है |
छत्तीसगढ़ में बीजों के भंडारण से पहले उपचार इसी पारम्परिक तरीके से किया जाता है |इसी तरह मौसमी सब्जियों को सूखाकर रखा जाता रहा है |
इसी तरह विकिरण ऊर्जा के माध्यम से कृषि उत्पादन को उपचारित कर उसका जीवनकाल बढाया जाता है | विकिरण ऊर्जा में गामा, अवरक्त, सूक्ष्मतरंग विकिरण इत्यादि शामिल होते हैं।
इससे भोजन से होने वाली बीमारियों के जोखिम को कम किया जा सकता है | आक्रामक कीटों को नियंत्रित करने, भोजन को अंकुरित करने या रोकने में इसका इस्तेमाल होता है |
यह विशेष रूप से भारत जैसे उष्ण और आर्द्र देश के लिए आवश्यक है। ये परिस्थितियाँ (उष्ण और आर्द्र) अनेक प्रकार के कीटों और सूक्ष्मजीवों के विकास के लिए काफी अनुकूल हैं जिसके कारण प्रतिवर्ष भोजन की बर्बादी हो सकती है।
भंडारण और वितरण के दौरान कीटों के संक्रमण एवं अन्य समस्याओं के कारण हजारों करोड़ का खाद्यान्न नष्ट हो जाता है। उत्पादन केंद्रों लक्षित लंबी दूरी के दौरान इसे परिरक्षित करने के लिए विकिरण की आवश्यकता होती है। भारत में खाद्य विकिरण सम्बन्धी नियमों को अंतर्राष्ट्रीय विनियमों के अनुरूप बनाया गया है।
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परमाणु ऊर्जा विभाग ने विकिरण प्रेरित उत्परिवर्तन (और पारंपरिक) ब्रीडिंग का उपयोग कर, फसलों की 42 नई किस्में विकसित की हैं। इन फसलों में उच्च उपज, अल्पकालीन परिपक्वता अवधि, जैविक एवं अजैविक दवाब के प्रति प्रतिरोध इत्यादि हैं। इनमें से कई किस्मों को कृषक समुदाय द्वारा पसंद किया गया और उनका उपयोग किया जा रहा है।
कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत ने भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर से छत्तीसगढ़ में गोबर से विद्युत उत्पादन एवं फूड इररेडियेशन प्लांट की तकनीकी हस्तांतरण की प्रगति के बारे में भी जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में पहला फूड इररेडियेशन प्लांट शासन द्वारा स्थापित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि फूड इररेडियेशन प्लांट की टेक्नालॉजी को अमेरिका, यूरोप के कई देशों में मान्यता दी है।
छत्तीसगढ़ में स्थापित होने वाले फूड इररेडियेशन प्लांट की खाद्य सामग्री सीधे विदेशों को सप्लाई की जाएगी|