नानक सागर की कहानी पीएम तक पहुंचाएंगे सांसद बघेल

ऐतिहासिक ग्राम नानक सागर में सिक्खों के प्रथम गुरु श्रीगुरुनानक देव जी के जगन्नाथ पूरी प्रवेश के दौरान रुकने की जानकारी अब पीएम एवम संस्कृति मंत्री तक पहुंचाई जाएगी।

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पिथौरा|  ऐतिहासिक ग्राम नानक सागर में सिक्खों के प्रथम गुरु श्रीगुरुनानक देव जी के जगन्नाथ पूरी प्रवेश के दौरान रुकने की जानकारी अब पीएम एवम संस्कृति मंत्री तक पहुंचाई जाएगी। इस क्षेत्र का अब धार्मिक तीर्थ बनना तय है। उक्त बातें सोमवार को नानक सागर के अपने निजी दौरे से वापस लौटते दुर्ग के भाजपा सांसद विजय बघेल ने  विशेष चर्चा में कही।

नानक सागर:  517 बरस पहले जहाँ गुरुनानक देव रुके थे 2 दिन

सिक्खों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव जी 517 बरस पहले जगन्नाथ पुरी से अमरकंटक जाते छत्तीसगढ़ के इस  गाँव में 2 दिन बिताये थे | यह गाँव महासमुन्द जिले के बसना ब्लाक  के गढ़फुलझर से लगा है |  वे जिस गाँव में रुके उस गाँव का नाम पड़ा नानकसागर|

नानक सागर में जिस स्थान पर श्रीगुरुनानक देव जी रुके थे उसका नाम नानक डेरा रखा गया है| गाँव के मामले यहीं बैठकर सुलझाये जाते हैं | चौंकाने वाली बात यह है  कि नानक सागर में करीब  पांच एकड़ भूमि राजस्व रिकॉर्ड में श्री गुरुनानक देव जी के नाम से दर्ज है।

सांसद विजय बघेल ने बताया कि मीडिया में प्रकाशित खबर पढ़ने के बाद उनकी नानक सागर देखने जाने की इच्छा हुई और वे सोमवार की सुबह ही घर से निकल पड़े। नानक सागर और गढ़फुलझर पहुच कर देखने पर उन्हें ग्राम नानक सागर एक अजूबा ग्राम लगा।साफ सफाई ग्रामीण अनुशासन अपने आप मे एक कुदरती चमत्कार से कम नही है।

ग्रामीणों द्वारा उन्हें वह स्थान दिखाया जहाँ श्री गुरुनानक जी ने विश्राम किया था और उपदेश दिए थे।उन्होंने स्वयम उस स्थान पर मत्था टेका और कुछ देर विश्राम भी किया।

गुरुद्वारा निर्माण हेतु हुई अरदास

इस स्थान पर बैठने मात्र से मन को एक अजीब सी शांति मिली एवम राग द्वेष से स्वयम को दूर पाया।इस दौरान गढ़फुलझर की संगत भी पहुची और सभी ने मिल कर वाहेगुरु का सिमरन भी किया।वैसे तो अनेक धार्मिक स्थल जाने का मौका मिला परन्तु ऐसी शांति और ऊर्जा कहीं  नहीं  मिली।

 

 धार्मिक पर्यटन हेतु पीएम  तक  पहुंचाएंगे 

नानक सागर एक ऐतिहासिक स्थल है इसकी पुष्टि सरकारी राजस्व रिकॉर्ड से कोई दो हेक्टयर भूमि श्रीगुरुनानक देव जी के नाम होने से हो चुकी है।इसकी पूरी जानकारी स्थानीय सांसद चुन्नीलाल साहू के साथ मिल कर पीएम नरेंद्र मोदी एवम संस्कृति मंत्री तक पहुंचाया  जाएगा।इसके अलावा छत्तीसगढ़ के इस ऐतिहासिक क्षेत्र को आस्था का केंद्र एवम धार्मिक तीर्थ बनाने का आग्रह करेंगे।

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संसद श्री बघेल के साथ नीलांचल सेवा समिति के संस्थापक संपत अग्रवाल, ललित चंद्राकर दुर्ग,गुरुद्वारा स्टेशन रोड के प्रमुख अरविंदर सिंह खुराना,गुरुद्वारा बुद्धा साहिब रायपुर के प्रमुख हरकिशन सिंह उर्फ बल्लू जी,हमचाकर गोविंद सिंह गतका अखाड़ा के अध्यक्ष हरविंदर सिंह,रिंकू ओबेरॉय,जनपद सदस्य एवम बंजारा समाज के अजय नायक,गढ़फुलझर के हरजिंदर सिंह हरजु एवम महिपाल सिंह उपस्थित थे।

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निर्माण कार्य प्रारम्भ– ओबेरॉय

चौकीदार कक्ष हेतु रखी आधारशिला

इधर रायपुर से नानक सागर पहुचे रिंकू ओबेरॉय ने बताया कि रविवार को प्रदेश के अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष महेंद्र सिंह छाबड़ा की उपस्थिति में नानक सागर गुरुद्वारा निर्माण के पहले चरण की आधार शिला रखते हुए चौकीदार कक्ष एवम स्टोर कक्ष निर्माण हेतु अरदास करवाई गई।अब निर्माण कार्य चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ता रहेगा।

मुख्यमंत्री के भी आने की संभावना

नानक सागर के बारे में जानकारी होने के बाद स्वमेव प्रदेश एवम राष्ट्रीय स्तर की हस्तियां दर्शनार्थ नानक सागर पहुचने लगे है।इस बीच कांग्रेस सूत्रों ने प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल के भी नानक सागर प्रवास की संभावना व्यक्त की है।बताया जाता है कि पांच राज्यो के चुनाव के बाद इस सम्बंध में कोई कार्यक्रम बनाया जा सकता है।

बहरहाल प्रदेश में श्री गुरुनानक देव जी के रुकने के प्रमाण मिलने के बाद अब  श्रद्धालु नानक सागर देख कर यहां के विकास को आगे बढाने की चर्चा करते दिखाई पड़ते  हैं ।

 deshdigital के लिए रजिंदर खनूजा की रिपोर्ट

 

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