सोच बड़ी, लक्ष्य बड़ा, हौसला बड़ा, तभी समाज उन्नति की ओर: तेजराम प्रधान
हमारी सोच बड़ी, लक्ष्य बड़ा, हौसला बड़ा, तभी एक समाज उन्नति की ओर अग्रसर हो सकता है. आज हमारे समाज के कई व्यवसायी असफल क्यों हो रहे हैं? खराब व्यवहार और टूटता धीरज इसका प्रमुख कारण है, ये विचार थे ओडिशा के पूर्व कमिश्नर तेजराम प्रधान के.
रायपुर| हमारी सोच बड़ी, लक्ष्य बड़ा, हौसला बड़ा, तभी एक समाज उन्नति की ओर अग्रसर हो सकता है. आज हमारे समाज के कई व्यवसायी असफल क्यों हो रहे हैं? खराब व्यवहार और टूटता धीरज इसका प्रमुख कारण है, ये विचार थे ओडिशा के पूर्व कमिश्नर तेजराम प्रधान के.
वे आज 9 फरवरी 20 25 को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सर्व भारतीय प्रगतिशील कोलता मंच के बैनर तले रायपुर कोलता समाज द्वारा आयोजित एक सेमीनार को संबोधित कर रहे थे. सौंदर्या हाल अशोक बिरयानी लभांडी में हुए इस कार्यशाला में ओडिशा और छत्तीसगढ़ के कोलता समाज के कई विषय विशेषज्ञों/बुद्धिजीवियों/व्यवसायियों ने अपने विचार रखे.
सर्व भारतीय प्रगतिशील कोलता मंच के बैनर तले रायपुर कोलता समाज द्वारा सेमीनार का आयोजन
सेमीनार 7 बिन्दुओं – 1. आर्थिक मंच में कोलता समाज की स्थिति. 2. व्यापार के क्षेत्र में समाज की स्थिति. 3. युवाओं को व्यापार में स्थापित करने की कार्ययोजना. 4. व्यापार को स्थापित करने के लिए आर्थिक व्यवस्था. 5. ओडिशा एवं छत्तीसगढ़ में आर्थिक एवं व्यापारिक संबंध स्थापित करने की कार्ययोजना. 6. एग्रीकल्चर इकोनॉमी फील्ड में समाज को आगे बढ़ाने की योजना. 7. हेल्थ सेक्टर में समाज की भागीदारी को आगे बढ़ाने की योजना, पर केन्द्रित था.
सर्व भारतीय प्रगतिशील कोलता मंच के ओडिशा के पूर्व कमिश्नर तेजराम प्रधान ने बताया कि हम सात भाई-बहनों में 2 भाई ओएएस और दो भाई आईएएस रहे हैं. घर में हमेशा प्रतिस्पर्धा का भाव रहा कि हम भी यह कर दिखायेंगे. हमारी सोच बड़ी, लक्ष्य बड़ा, हौसला बड़ा हो तो विकास के सारे द्वार खुल जाते हैं.
सेमीनार की सुरुवात ओडिशा पावर प्लांट में कार्यरत देबार्चन साहू ने की. उन्होंने बताया कि किस तरह जमीन अधिग्रहण के लाभ किस तरह किसान ले सकते हैं. उन्होंने व्यवसाय में जोखिम लेने को सबसे महत्वपूर्ण तथ्य बताया. इसके साथ ही शिक्षा, कृषि, अर्थ व्यवस्था और व्यावसायिक विकास पर अपने विचार रखे.
ओडिशा प्रशासन में उपसंचालक के पद से सेवानिवृत सर्व भारतीय प्रगतिशील कोलता मंच के अमिय साहू ने खेती और पशुपालन से संबंधित कई जानकारियां साझा कीं. और अपने मंच के माध्यम से समाज के विकास के लिए हर तरह की मदद देने की बात कही.
ओडिशा नुआपड़ा से आये हेमसागर बेहरा ने मिलेट्स की खेती, जैविक खेती, फसल का चुनाव, औषधीय खेती, फल, बागवानी पर अपने विचार रखे.
लखनपुर ब्रजराज नगर से आये प्रगतिशील कोलता मंच के लोकनाथ साहू ने घटती जमीन और बढ़ती आबादी पर अपने विचार केन्द्रित करते कहा कि आज अधिग्रहण के कारण जमीनें कम होती जा रही हैं. कोलता समाज की मुख्य जीविका खेती है और खेती पर निरंतर आघात होता जा रहा है. हमारी आबादी बढ़ रही है और जमीनें धीरे-धीरे कम होती जा रही हैं. शादी ब्याह और शराब पीने के कारण खेत बिक रहे हैं. हमें इसे बचाना होगा. जमीन बेचना बंद कर दें.
उन्होंने युवाओं को प्रशासनिक क्षेत्र में उपयुक्त माहौल देने और आगे आने की हर संभव कोशिशों और अपने प्रयासों की जानकारी दी.
सर्व भारतीय प्रगतिशील कोलता मंच की स्थापना और इसकी जरूरत पर संबलपुर से आये मनोरंजन साहू ने कहा कि इस मंच के लिए कोई पदाधिकारी नहीं बनाये गये हैं. हर सदस्य अपने दायित्वों का निर्वाह अपनी काबिलियत, अपनी क्षमता से करता है.
होटल व्यवसाय से जुड़े श्री प्रधान का कहना था कि आज हम जब संपन्न हो गये हैं हमारा दायित्व है कि हम समाज के कमजोर सदस्यों को आगे बढ़ाने में अपना सहयोग दें. तभी एक विकसित समाज का सपना पूरा कर सकेंगे. जिससे समाज के नई पीढ़ी के बेटे-बेटियों के लिए रिश्तों के लिए दिक्कत न आये.
इसी क्रम में बरगढ़ से पधारे मंच के शिक्षाविद मोहन साहू ने अपने विचार रखते कहा कि आज से 30 साल पहले सांसद कृपासिधु भोई ने अपनी बेटी के विवाह में कुकरा भात दिया था. उस मुख्या धारा के अख़बारों में इसकी खूब चर्चा हुई, पर क्या आज इस पर नई पीढ़ी के बच्चे चर्चा करना चाहेंगे? अब इस तरह की बातें अप्रासंगिक हो गई हैं.
श्री साहू ने केरल के विकास माडल की चर्चा प्रोफेसर प्रभात पटनायक के हवाले से करते बताया की केरल के कई लोग और पढ़ी-लिखी पीढ़ी अरब देशों में काम करते हैं. और वे अपने घर परिवार को पैसे भेजते हैं जिससे वहां के गाँवो का बेहतर विकास नजर आता है. सरकार की और से उसकी तुलना में कम सुविधाएँ मिलती हैं. हमें भी अपने प्रवासी सदस्यों से संपर्क कर रायपुर में एक कांफ्रेस का आयोजन किया जाना चाहिए. वे हमें क्या दे सकते हैं, उनकी ऊर्जा का हम बहतर उपयोग कैसे कर सकते हैं.
उन्होंने पश्चिम ओड़िसा और छत्तीसगढ़ को एक सांस्कृतिक और राजनीतिक यूनिट के रूप में देखे जाने पर बल दिया.
संबलपुर ओडिशा से पधारे लक्ष्मण प्रधान ने कोलता जाति कि उत्पति और कोलता समाज के विस्तार पर कई जानकारियां दीं. उन्होंने बताया कि बरगढ़ जिला कोलता जाति का कोर एरिया रहा है. जहाँ से संबलपुर, खरियार, छत्तीसगढ़ के फुलझर और ओडिशा के बुड़ासमर इलाके और कौड़िया की ओर विस्तार हुआ. इसके बाद कालाहांडी में यह समुदाय विस्तारित हुआ. श्री प्रधान के मुताबिक विस्तार का कारण जंगल साफ कर खेती करना था. उन्होंने इसके अलावा समाज के रीति -रिवाज, आबादी आदि कई पक्षों पर अपनी जानकारी साझा की.
ओडिशा से आये सीए आनंद बीसी ने व्यवसाय में आने वाले कर से संबंधित दिक्कतों की जानकरी दी और उसके निदान के लिए हर संभव मदद करने की बात कही.
व्यापारी प्रकोष्ठ के संभागीय अध्यक्ष अविनाश साहू ने संकरा, बसना, सरायपाली, पिथौरा जैसे जगहों पर इस प्रकोष्ठ द्वारा किये जाने वाले कामों की जानकारी दी. उन्होंने नए व्यापारियों को लोन लेने हेतु आ रही दिक्कतों और उसके निदान के लिए विशेषज्ञों द्वारा एक सत्र के आयोजन की अपील की. उन्होंने सांकरा व्यापारी प्रकोष्ठ द्वारा एक लाइब्रेरी जल्द ही सुरु करने की जानकारी दी.
व्यापारी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष आशीष प्रधान ने बच्चों में केवल नौकरी का माहोल बनाये जाने का सवाल उठाते कहा कि उद्यम के लिए भी कोशिशें की जानी चाहिए.
सुरेन्द्र प्रधान ने सौर ऊर्जा पर जानकरी दी. उन्होंने व्यवसाय के रूप में अपनाने के साथ ही घर के लिए मिल रहे शासकीय अनुदान का लाभ लेने पर जोर दिया.
कलिंगा यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डा. प्रेमेन्द्र साहू ने एक बिजनेस सेल का गठन कर इसमें विषय विशेषज्ञों को बुलाकर नई पीढ़ी को मार्गदर्शन देने का सुझाव रखा.
भूपेन्द्र साहू ने अपने आस्था नर्सरी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि किस तरह किसान बागवानी- खेती को व्यवसायिक बना सकते हैं.
शेषदेव प्रधान ने आर्थिक विकास के लिए अपव्यय को रोकने पर बल दिया. दहेज़- मृत्यु भोज जैसे कई अपव्यय रोके जाएँ तो उन्नति अपने आप होगी. मूल पर हमें ध्यान देना होगा.
लोकेश प्रधान ने कहा कि व्यवसाय पहले किसी समुदाय विशेष पर केन्द्रित था. अब समाज के युवक सामने आ रहे. व्यापारी प्रकोष्ट के व्यापर मेले ले एक नई पहचान दी. छत्तीसगढ़ और ओडिशा के उद्यमियों कारोबारियों को एक साझा मंच पर आकर एक दूसरे का सहयोग करने का सुझाव दिया.
अध्यापिका और उद्यमी डॉ. संजू साहू ने पति खोने के बाद भी जिस तरह संघर्ष किया, उसकी जानकरी साझा की. उन्होंने महिला नेतृत्व को आगे लाने पर बल दिया.
चिकित्सक डॉ. अनुपमा नायक ने कहा कि स्वस्थ तन ही असली उन्नति है. अपने घरों में पपीता, मुनगा, नीबू जैसे पेड़ पोधे लगाकर एक बेहतर आहार को अपने जीवन में सामिल किया जा सकता है और इससे अतिरिक्त खर्च भी बचेगा.
दीपक प्रधान ने शासकीय सेवा की तुलना में निजी क्षेत्र में जयादा संभावनाओं की ओर ध्यान आकृष्ट किया. उन्होंने व्यापर प्रकोष्ठ द्वारा लघु उद्यम के लिए माइक्रो फाइनेंस उबलब्ध कराने का सुझाव दिया.
यागेंद्र भोई ने कोलता विवाह प्रस्ताव मंच के माध्यम ने विवाह ही नहीं पुनर्विवाह कराये जाने की भी जानकारी साझा की.
समाज के संभागीय सचिव मोहनलाल साहू ने समाज की प्रगति के लिए ओडिशा और छत्तीसगढ़ दोनों राज्यों में रोटी-बेटी के संबध पर बल दिया.
कोलता समाज के संभागीय उपाध्यक्ष चित्रसेन प्रधान ने रिटायर्मेंट के बाद सेफ जोन से निकलने का सुझाव देते कहा कि रिटायर होकर चुपचाप बैठ जाना ठीक नहीं है. व्यापार के अलावा आय की अन्य गतिविधियों में सक्रिय हों. ओडिशा और छत्तीसगढ़ दोनों राज्य के समाज के भाइयों को समन्वय बनाकर काम करना चाहिए.
कोलता समाज संरक्षक रक्षपाल गुप्ता ने कोलता समाज के विकास यात्रा पर सारगर्भित उद्बोधन देते हुए महिलाओं को आगे लाने पर जोर दिया. इसके साथ ही महानगरों में रह रहे समाज के लोगों और युवा पीढ़ी द्वारा नुआखाई जैसे अपने पारंपरिक रीति-रिवाज का पालन, सांस्कृतिक आयोजन कर अपनी मूल माटी से जुड़े रहने का संदेश देना अनुकरणीय पहल है.
कार्यशाला के समापन वक्तव्य में कोलता समाज के संरक्षक व्यासदेव भोई ने कहा, युवाओं को खुद को तय करना होगा वह क्या करना चाहता है. उस पर थोपा नहीं जाना चाहिए. माइक्रो फाइनेंस जैसे सुविधाएँ देने के बाद उसकी रिकवरी बहुत जटिलताएं पैदा कर देंगी. छत्तीसगढ़ और ओडिशा दो नहीं एक होकर काम करें, इस तरह की कार्य योजना बने और चूँकि राजधानी रायपुर एक बेहतर बाजार है नये उद्यमियों के लिए अपार संभावनाएं हैं.
इसके पहले कार्य शाला के शुभारंभ समाज के अधिष्ठात्री देवी श्री श्री रणेश्वर रामचंडी के पूजा आर्चना के साथ किया गया. कार्यकम का सफल संचालन अधिवक्ता भाग्येश साहू ने किया. आभार प्रदर्शन कोलता समाज रायपुर के सचिब रोहित नायक ने किया.
इस सेमीनार में ओडिशा के झारबंद डोंगरीपाली के गजेन्द्र भोई, सोहेला के प्रदीप कुमार भोई, कोलता समाज रायपुर के रोहित साहू, प्रफुल्ल प्रधान, डॉ निर्मल कुमार साहू, डॉ हरेकृष्ण प्रधान, डॉ जे पी साहू,आशीष प्रधान, कृष्ण चरण प्रधान, युवराज भोई, कमलेश देहरी,कमल भोई, राकेश प्रधान, आदि ने अपने-अपने कार्य क्षेत्रों की जानकारी दी.