कीचड़ में फंसे बायसन की मौत

समीप के वन परिक्षेत्र देवपुर के ग्राम तेंदूचुवा के समीप बीती रात एक बायसन की मौत हो गयी. बायसन का एक झुंड एक दिन पहले ही पानी की तलाश में उक्त ग्राम के समीप स्थित एक बोरवेल के पास पानी और चारा के लिए पंहुचा था. परन्तु बोरवेल के समीप पानी से बने एक दलदल में एक वृद्ध बायसन फंस गया था।

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पिथौरा| समीप के वन परिक्षेत्र देवपुर के ग्राम तेंदूचुवा के समीप बीती रात एक बायसन की मौत हो गयी. बायसन का एक झुंड एक दिन पहले ही पानी की तलाश में उक्त ग्राम के समीप स्थित एक बोरवेल के पास पानी और चारा के लिए पंहुचा था. परन्तु बोरवेल के समीप पानी से बने एक दलदल में एक वृद्ध बायसन फंस गया था. जिसे वह विभाग द्वारा निकाल कर जंगल की ओर खदेड़ दिया गया था.

मिली जानकारी के अनुसार देवपुर मुख्यालय से महज 3 किलोमीटर दूर स्थित गांव तेंदूचुवा के खार में मंगलवार की सुबह ग्रामीणों ने एक बायसन को खेत में फंसा देखा जिसकी जानकारी वन विभाग को दी गई. सूचना के बाद वन विभाग की टीम सहदेव बरीहा के उस खेत में  पहुंची जहां बायसन फंसा था. इसके बाद खेत मालिक सहित अन्य ग्रामीणों की मदद से वन विभाग द्वारा जेसीबी की सहायता से कोई तीन घण्टे की मशक्कत के बाद कीचड़ में फंसे बायसन को बाहर निकाला.

बाद बायसन का बगैर मेडिकल चेकअप कराए ही उसके हाल पर ही उसे जंगल की ओर खदेड़ दिया गया. बायसन को जंगल खदेड़ने के बाद वन विभाग द्वारा अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली थी. परन्तु जेसीबी की मदद लेने के कारण वृद्ध हो चुके बायसन को अंदरूनी चोट का अंदेशा था. लिहाजा जंगल खदेड़ने के दूसरे ही दिन उक्त बायसन की मौत हो गई.

वन विभाग की लापरवाही से मौत !
ग्रामीण सूत्रों के अनुसार बायसन के कीचड़ में फंसने की खबर सुनते ही वन अधिकारी परेशान होने लगे थे लिहाजा वे जैसे तैसे बायसन को निकाल कर अपने क्षेत्र से बाहर भेजना चाहते थे. इसी जल्दबाजी के चलते वन विभाग ने जीवित बायसन को निकालने के लिए जेसीबी की सहायता ली और उसे जैसे तैसे निकाल कर अपने क्षेत्र से दूर खदेड़ दिया था. परन्तु हादसे एवम बाद में जे सी बी की संभावित चोट ही शायद इस वृद्ध बायसन के लिए मौत का कारण बन गई.

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पानी की तलाश में अभ्यारण्य से बाहर आ रहे वन्य प्राणी

ज्ञात हो कि बारनवापारा अभ्यारण्य से लगे वन परिक्षेत्र देवपुर तक लगातार वन्य प्राणी दाना पानी की तलाश में पहुच रहे है. इसमें चीतल, बायसन ,काला हिरन के साथ तेंदुआ भी शामिल है. हाथियों का भी इस क्षेत्र में लगातार आना जाना बना हुआ है. इन वन्य प्राणियों के यहां आने का एकमात्र कारण इस क्षेत्र में लगाई जाने वाली रबी फसल है. खरीफ का धन कटते ही इस क्षेत्र के किसान तत्काल रबी फसल लगा देते है. क्योंकि इस क्षेत्र के किसानों के बोरवेल में पर्याप्त मात्रा में पानी है. पानी के कारण हरा भरा एवम ठंडा क्षेत्र देख कर वन्य प्राणी आकर्षित होते हैं.

deshdigital के लिए रजिंदर खनूजा 

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