छत्तीसगढ़ के एडीजी जीपी सिंह की करीब 10 करोड़ की संपत्ति का पता चला,एसीबी की जांच जारी
छत्तीसगढ़ के एडीजी जीपी सिंह के 15 ठिकानों पर एसीबी की जांच जारी है। जीपी सिंह के रायपुर स्थित सरकारी बंगले में गुरुवार की सुबह 6 बजे जांच टीम दाखिल हुई थी । शनिवार की दोपहर तक टीम वहीं जमी हुई है। ताजा जानकारी के मुताबिक एडीजी की करीब 10 करोड़ की संपत्ति का पता चला है। एसीबी की एक और टीम ओडिशा भी गई है, और वहां निवेश की पड़ताल की जा रही है। प्रारंभिक साक्ष्य के आधार पर जीपी सिंह को निलंबित भी किया जा सकता है।
रायपुर| छत्तीसगढ़ के एडीजी जीपी सिंह के 15 ठिकानों पर एसीबी की जांच जारी है। जीपी सिंह के रायपुर स्थित सरकारी बंगले में गुरुवार की सुबह 6 बजे जांच टीम दाखिल हुई थी । शनिवार की दोपहर तक टीम वहीं जमी हुई है। ताजा जानकारी के मुताबिक एडीजी की करीब 10 करोड़ की संपत्ति का पता चला है। एसीबी की एक और टीम ओडिशा भी गई है, और वहां निवेश की पड़ताल की जा रही है। प्रारंभिक साक्ष्य के आधार पर जीपी सिंह को निलंबित भी किया जा सकता है।
एसीबी सूत्रों के मुताबिक जीपी सिंह के ठिकानों में जांच तेजी से चल रही है।सूत्रों के मुताबिक विदेशों में खाते और निवेश संबंधी कई ऐसे अहम दस्तावेज मिले हैं जिनकी पड़ताल जीपी सिंह के घर पर ही की जा रही है।
वहीँ निवेश के इतने सारे दस्तावेज मिले हैं, जिनका पूरा ब्यौरा इकट्ठा करने में समय लग सकता है। जीपी सिंह परिवार के विदेशी खातों की भी जानकारी सामने आई है।
बता दें एसीबी की एक और टीम ओडिशा भेजी गई है, जो कि वहां बारबिल में जीपी सिंह के परिवार वालों की संपत्ति खंगालेगी। इससे पहले भी एक टीम वहां डटी हुई है।
अपुष्ट सूत्रों के मुताबिक जीपी सिंह के यहां कम्प्यूटर और डायरियों से कुछ साजिशों का भी पता चला है। करीब दस करोड़ की अनुपातहीन संपत्ति का पता चला है, और इसके लगातार बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
दूसरी तरफ, जांच में अब तक प्राप्त दस्तावेजों, और जानकारियों के आधार पर उनके कॉन्सटेबल और अन्य प्रमुख लोगों से पूछताछ की गई, जिसमें कई नई जानकारियां पता चला है।
जांच टीम के अफसरों को यहां से कुछ डायरियां, डायरियों के फटे पन्ने मिले हैं। इस डायरी में जादू-टोने से जुड़ी बातें लिखी हुई हैं। कुछ ऐसा अजीबोगरीब सामान भी सिंह के यहां से मिला है जो अमूमन तंत्र-मंत्र के काम आता है।
कुछ आईएएस अधिकारियों, सचिव स्तर के अफसरों, कांग्रेस-भाजपा के नेताओं का नाम भी कोड वर्ड में लिखा है। इन सभी दस्तावेज को बारिकी से देखा जा रहा है।
बता दें शुक्रवार शाम तक ओडिशा में संपत्ति, कंस्ट्रक्शन के काम में इस्तेमाल होने वाले आधा दर्जन वाहन, कई बैंक अकाउंट्स, 75 से अधिक बीमा पॉलिसी के सबूत मिले थे। ये सब जीपी सिंह की पत्नी और उनके पुत्र के नाम पर हैं।
उलेखनीय है कि छापों के संबंध में एसीबी चीफ आरिफ शेख ने इसके पहले मीडिया को प्रेस नोट जारी कर बताया था किअतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जीपी पुलिस अकादमी छत्तीसगढ़ के विरूद्ध उनके आर्थिक अपराध ब्यूरो के कार्यकाल के दौरान अवैध वसूली, भयादोहन आदि के माध्यम से अनुपातहीन धन संपत्ति अर्जित करने की लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही थीं, जिसके आधार पर पूर्व में प्राथमिक जांच की गई।
प्राथमिक जांच के अन्वेषण के दौरान इस बात के पुख्ता प्रमाण प्राप्त हुए कि एडीजी जीपी सिंह द्वारा अलग अलग स्थानों पर करोड़ों की अनुपातहीन अवैध संपत्ति अर्जित की गई है तथा बड़े लेन देन किये गये हैं| शेल कंपनियों में निवेश करके मनी लांड्रिंग का प्रयास किया गया है| इसके अलावा रायपुर, भिलाई, राजनांदगांव एवं ओडिशा में भी विभिन्न क्षेत्रों में बेनामी संपत्तियां अर्जित करने की प्रामाणिक पुष्टि हुई।
प्राथमिक जांच में सामने आये प्रामाणित तथ्यों के आधार पर एफआईआर क्र 22/21, धारा 13(1)बी] 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम यथा संशोधित 2018 के तहत पंजीबद्ध किया गया। जीपी सिंह के खिलाफ आयकर विभाग द्वारा भी बेनामी एक्ट के तहत पृथक से कार्यवाही की जा रही है।