इस तरह लौटे तमिलनाडु के पेपर मिल में बंधक पिथौरा के युवा मजदूर

तमिलनाडु के नल्लीपल्लम पेपर मिल में बंधक रहे पिथौरा विकासखण्ड के 8 युवक अपने घरों को लौट गए।  करीब डेढ़ माह पहले मजदूरी करने गये इन युवकों के परिजनों ने स्थानीय पुलिस से शिकायत की थी। इन युवा मजदूरों के अनुसार पिथौरा से उन्हें लेने गयी प्रशासनिक टीम उन तक नहीं पहुंच सकी ।

0 147

- Advertisement -

पिथौरा। तमिलनाडु के नल्लीपल्लम पेपर मिल में बंधक रहे पिथौरा विकासखण्ड के 8 युवक अपने घरों को लौट गए।  करीब डेढ़ माह पहले मजदूरी करने गये इन युवकों के परिजनों ने स्थानीय पुलिस से शिकायत की थी। इन युवा मजदूरों के अनुसार पिथौरा से उन्हें लेने गयी प्रशासनिक टीम उन तक नहीं पहुंच सकी । परन्तु कलेक्टर महासंमुन्द द्वारा विरधुनगर के एसपी को लिखे पत्र के बाद तमिलनाडु पुलिस के हस्तक्षेप से कंपनी ने अपने  खर्च पर उन्हें निजी बस से उनके घर तक पहुंचाया।

पिथौरा विकासखण्ड के ग्राम अरण्ड एवम धनोरा के कुल 8 युवाओं के परिजनों ने विगत 21 अप्रैल को स्थानीय पुलिस में उक्त मामले की सूचना दे कर युवकों को उनके घर सकुशल लाने का निवेदन किया था।  ग्रामीणों ने इसकी जानकारी  विधायक एवम संसदीय सचिव द्वारिकाधीश यादव को दी। इस पर श्री यादव ने तत्काल कलेक्टर महासंमुन्द से बात की।

श्री यादव की शिकायत को गम्भीरता से लेते हुए महासमुन्द कलेक्टर नीलेश कुमार क्षीरसागर द्वारा बिन्दुनगर तमिलनाड के एसपी को पत्र लिखकर पूरी घटना की जानकारी प्रेषित की थी। जिस पर विरधुनगर एसपी द्वारा नल्लीपल्लम के आराधना पेपर मिल से सभी आठ युवकों को छुड़वाकर कंपनी के खर्च पर निजी बस से युवकों के घर तक पहुंचा दिया।

प्रताड़ना की कहानी युवकों की जबानी

अधिक मजदूरी की लालच में अपने घर से हजारों किलोमीटर दूर जाकर बंधक बने मजदूरों ने अपनी व्यथा इस प्रतिनिधि को बताई।  अजय ध्रुव नामक युवक ने बताया कि उन्हें पिथौरा के एक व्यवसायी ने तमिलनाडु की एक पेपर मिल में काम करने के लिए 18 हजार रुपये प्रतिमाह की दर पर ट्रेन से तमिलनाडु के नल्लीपल्लम ग्राम भेजा था।

गर्म ब्रॉयलर में काम

वहां पहले दिन से ही उन पर प्रताड़ना का दौर प्रारम्भ हो गया। उन्हें पेपर के काम की बजाय गर्म ब्रॉयलर में काम करने लगाया गया। इसके बाद उन्हें 18 की बजाय 12 हजार भुगतान की बात कही गयी। काम 8 घण्टे की बजाय सूर्योदय से सूर्यास्त तक करना पड़ता था। खाने के नाम पर उन्हें राशन देकर खुद बनाने कहा गया।

मोबाइल और रुपये छीने 

मिल मालिक के  रवैय्ये  से परेशान युवकों ने जब उन्हें काम नही करने और वापस घर जाने की बात कही गयी। तब मालिक ने सभी के मोबाइल और उनके पास बचाकर रखे गए रुपये छीन लिए। जिससे अब सभी मजदूर मजबूर होकर बंधक की तरह काम करते रहे।

- Advertisement -

अजय के मुताबिक उनमें से एक युवक हुमन ठाकुर ने अपना मोबाइल छिपा कर रखा था। अत्यधिक परेशानी के बाद उसने एकांत देख कर अपने ग्राम सरपंच देवराज ठाकुर को मोबाइल पर पूरे हालात की जानकारी दी| इसके बाद सुबह सरपंच स्वयम फंसे युवकों के परिजनों के साथ थाना पहुँच कर घटना के सम्बन्ध में आवेदन दिया था। परन्तु पुलिस ने ना कोई कार्यवाही की और न ही प्रथम सूचना रपट दर्ज की।

आठ में से दो नाबालिग  

इन आठ युवकों में से दो अरण्ड निवासी हुमन कुमार (17) और धनोरा निवासी  रितेश दीवान (17) नाबालिग हैं।अन्य के नाम अरण्ड निवासी अजय ध्रुव (26),  बासदेव ठाकुर(22) ,सूरज ध्रुव (18), एवम धनोरा निवासी   तरुण ध्रुव (27), हेमंत ध्रुव(25) ,एवम हेमसिंह ध्रुव (18) हैं जिन्हें  बस से वापस भेजा गया।

बेल्डीह के दो युवक भी लौटे 

युवकों ने इस प्रतिनिधि को बताया कि जब उन्हें तमिलनाडु पुलिस आराधना पेपर मिल से निकालने पहुंची तब अचानक दो और युवक इन युवकों एवम पुलिस के पैर पकड़ कर उन्हें भी छुड़ाने के लिए गिड़गिड़ाने लगे। तब उन्होंने उन युवकों को भी आने साथ ले लिया। दोनों युवक विकासखण्ड के दूरस्थ ग्राम बेल्डीह निवासी है।

अजय के अनुसार पुलिस  उन सभी को पेपर मिल से निकाल कर रेलवे स्टेशन लाई और वहां समीप स्थित एक लॉज होटल ब्रिजलैंड के एक कमरे में सभी 10 लोगो को रखा । कुछ घण्टो बाद इन्हें होटल से  एक बस में बिठाकर  सीधे रायपुर भेज दिया गया।

पुलिस चेन्नई से वापस

दूसरी ओर टीम में गए एएसआई प्रकाश नागरची ने बताया कि स्थानीय तहसीलदार के नेतृत्व में युवकों को लेने गयी टीम ज़ब चेन्नई पहुंची तब उन्हें पता चला कि सभी युवक वापस रवाना हो गए हैं । तब पुलिस एवम प्रशासन की टीम भी चेन्नई से वापस लौट आयी।

deshdigital के लिए रिपोर्ट रजिंदर खनूजा

Leave A Reply

Your email address will not be published.