आपदा प्रबंधन में शिक्षकों की भूमिका पर प्रशिक्षण सम्पन्न 

वर्तमान में बदलते परिवेश में शालाओं में आपदा प्रबंधन को बेहतर बनाने और जोखिम कम करने के उद्देश्य से स्थानीय कन्या हाई स्कूल में प्रशिक्षण आयोजित किया गया।

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पिथौरा| वर्तमान में बदलते परिवेश में शालाओं में आपदा प्रबंधन को बेहतर बनाने और जोखिम कम करने के उद्देश्य से स्थानीय कन्या हाई स्कूल में प्रशिक्षण आयोजित किया गया।

वैश्विक महामारी कोरोना के बाद शालाओं के परिवेश में व्यापक बदलाव की आवश्यक को देखते हुए आयोजित प्रशिक्षण में शिक्षकों को शाला भवन, शौचालय, रसोईघर,की स्वच्छता और सुरक्षा के अलावा आग लगने पर फायर सेफ्टी,गैस सिलेंडर उपयोग कैसे करें? सर्पदंश से होने वाली मृत्यु के जोखिम को कैसे कम करें?  मधुमक्खी, ततैया के काटने पर क्या करें? कुत्ते बंदरों के काटने पर बच्चों का प्राथमिक उपचार कैसे करें, तालाब-नदी में डूबने से बचाने के लिए क्या करें,पानी से संबंधित सावधानियां,जल-संरक्षण, जल की जांच कर उसका उपचार, साथ ही शाला आपदा प्रबंधन समिति का गठन कैसे करें?, जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई।

स्काउट मास्टर्स संतोष कुमार साहू एवं झनेश कुमार साहू ने स्काउट रस्सी से गांठें लगाकर विभिन्न प्राथमिक उपचारों को दोनों कक्षों में समझाया। आग लगने पर कैसे रेस्क्यू करें इस पर माक ड्रिल भी किया गया। प्रशिक्षण के दौरान डाइट प्राचार्या मीना पाणीग्राही एवं वरिष्ठ प्राध्यापक अरूण प्रधान की टीम ने भी मार्गदर्शन किया।

प्राचार्या मीना पाणीग्राही ने प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस प्रशिक्षण को अखिल भारतीय स्तर पर डिजाइन किया गया है इसलिए इसका क्रियान्वयन सही तरीके से करना है।

अरूण प्रधान ने कहा कि लर्निंग एक्टिविटी को शालेय वातावरण बहुत प्रभावित करता है, इसमें सुरक्षा के मापदण्ड पहले पायदान पर हैं।

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प्रशिक्षण के अन्तिम दिन अनुविभागीय अधिकारी ऋतु हेमनानी ने शिक्षकों से बेहतर शैक्षिक वातावरण बनाने की अपील की और विभिन्न मानकों के अनुसार बेहतर कार्य करने को प्रोत्साहित किया।

इसी क्रम में बीएमओ श्रीमती तारा अग्रवाल ने बच्चों के स्वास्थ्य संवर्धन के लिए अनेक टिप्स दिए।

शिक्षक लोरीश कुमार ने सुझाव दिया है कि जुलाई के प्रथम सप्ताह में बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण होना चाहिए ताकि बच्चों का स्वास्थ्य-अपडेट शिक्षक के पास रहे और उसका फालोअप वर्ष भर हो पाए।

समन्वयक शिशुपाल प्रधान ने दिव्यांगता शिविर आयोजित करने की मांग की।

यातायात सुरक्षा पर बोलते हुए पिथौरा थाना के एएसआई लक्ष्मण कुमार साहू ने सभी शिक्षकों से हेल्मेट पहनने की अपील की और बच्चों को ट्रेफिक रूल्स बताने के लिए जानकारियां दी। उन्होंने कहा कि 2013 से पास्को एक्ट लागू किया गया है इसे भी बच्चों को जानना चाहिए।

प्रशिक्षण में अन्तर्यामी प्रधान, रोहिणी देवांगन, कौतुक पटेल,लोरीश कुमार क्रांति पाल,खेमलता प्रधान, रमेश नायक, मनोहर साहू ने सक्रिय भूमिका निभाई। प्रशिक्षण में विकास खण्ड पिथौरा के 70 शिक्षक एवं समन्वयक शामिल हुए।

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