chhattisgarh: एक सरपंच ने अपने पूरे कुनबे को मनरेगा मजदूर बना दिया !

chhattisgarh के एक सरपंच ने अपने पूरे कुनबे को ही मनरेगा मजदूर बना दिया और उनके नाम से भारी भरकम राशि आहरित कर ली। ग्रामीणों द्वारा आर टी आई के तहत निकाले गए एक दस्तावेज से यह जानकारी सामने आई है।

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पिथौरा|  chhattisgarh के एक सरपंच ने अपने पूरे कुनबे को ही मनरेगा मजदूर बना दिया और उनके नाम से भारी भरकम राशि आहरित कर ली। ग्रामीणों द्वारा आर टी आई के तहत निकाले गए एक दस्तावेज से यह जानकारी सामने आई है। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत एस डी एम से की है | मामला बसना ब्लाक के ग्राम पंचायत  बँसूला का है |

बता दें उक्त  महिला सरपंच द्वारा पूर्व में भी अटल आवास के निवासियों को खाली करवा कर उनके पक्के मकानों की ईंट एवम छड़ से अपना मकान बना लिया था।

chhattisgarh के बसना विकासखण्ड के ग्राम पंचायत बँसूला ग्रामीणों ने एक लिखित शिकायत में बताया कि क्षेत्र से पलायन को रोकने के लिए   मनरेगा  के तहत काम कराये जा रहे है । परन्तु ग्राम पंचायत बंसूला में तो सरपंच के पूरे परिवार ने मनरेगा मजदूरी की ।

 

ग्राम बंसूला के  ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत बंसूला में रजनी जन्मजय साव ने वर्ष फरवरी 2020 में सरपंच पद की शपथ ली थी तब से  लगातर भारी  गड़बड़ियाँ  जारी  है।

ग्रामवासियो ने सूचना के अधिकार के तहत मनरेगा की जानकारी के लिए जनपत पंचायत बसना में आवेदन किया,जिसमे प्राप्त जानकारी के अनुसार सरपंच के पूरे परिवार ने जमकर लाभ लिया|

हैरत की बात यह रही कि सरपंच के परिवार को काम करते हुए ग्राम के किसी व्यक्ति ने भी नही देखा। कागज में काम होते रहे और सरपंच के परिवार के खाते में पैसे जमा होते रहे।

ग्राम पंचायत बंसूला के सरपंच श्रीमती रजनी साव के द्वारा ग्राम बंसूला में सामुदायिक शौचालय निर्माण मनरेगा योजना के तहत करवाया जिसमे सरपंच के पति एवं ग्राम के पंच जन्मजय साव ने अपना अहम योगदान दिया।

इसके अतिरिक्त पशु आश्रय निर्माण कार्य,आदिवासी कन्या छात्रावास में मैदान समतलीकरण, सामुदायिक शौचालय निर्माण कार्य, पहुँच मार्ग निर्माण कार्य परिवार के सदस्यों द्वारा कराया गया। ये सभी कार्य मात्र कागजों में ही  हुए जबकि उनकी निर्माण लागत का आहरण पंचायत खाते से हो चुका है।

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मनरेगा के तहत ये सभी कार्य हुए ही नहीं  और सरपंच ने अपने परिवार से   कार्य किये बिना ही मस्टररोल में नाम चढ़ाकर राशि  हड़प ली। इतना ही नहीं  सरपंच के कुछ  चेहते पंचों  पति-पत्नी ने बिना कार्य किये ही पूरी राशि प्राप्त की।

गाँव मे बहुत सारे  परिवार ऐसे हैं जो कि रोजगार की तलाश में उत्तरप्रदेश,तमिलनाडू, दिल्ली समेत देश के विभिन्न प्रान्तों में रोजगार न मिल पाने के कारण पलायन को मजबूर है। उन्हें सरपंच ने  मनरेगा में  कार्य करने के लिए गिड़गिड़ाने पर भी  काम नही दिया गया।

यह भी पढ़ें : बंसुला सरपंच और सरपंच पति के खिलाफ एसडीएम से शिकायत

 

पूर्व में भी एक कार्यवाही लंबित—मनोज

उक्त मामले में बंसूला निवासी मनोज अग्रवाल ने बताया कि पूर्व में सरपंच की दबंगाई एवं आतंक के खिलाफ जिला कलेक्टर एवम एसडीएम जिला सीओ के पास धारा 40 के तहत ग्रामीणों ने शिकायत दर्ज करवाई थी। जिसमें अभी तक किसी प्रकार कोई कार्यवाही नहीं हुई है जिससे सरपंच पति के हौसले बुलंद है। उक्त सरपंच द्वारा ही अटल आवास तोड़कर 200 बने हुए घर को वहां रह रहे लोगों को बेघर कर वहां के सारे छड़ एवं ईट बेच दिए गए तथा सरकारी पढ़ें खाली जगह पर अवैध कब्जा कर मकान बना लिया जाने के मामले पर शिकायत दर्ज कराई है|

 शिकायत सही नहीं — सरपंच प्रतिनिधि

इधर बंसूला सरपंच रजनी साव के प्रतिनिधि और पति जन्मजय साव ने बताया कि मनरेगा में उनके परिजनों ने कार्य किया गया तभी उनकी मजदूरी निकली है शिकायतकर्ता बेवजह शिकायत कर रहे हैं |

 जांच टीम गठित, एक सप्ताह में होगी जांच- सीईओ

इधर बसना जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सनद महादेवन ने बताया कि उक्त मामले की शिकायत मिली है।बिन्दुशः जांच के लिए एक टीम गठित कर उसे जांच का जिम्मा सौंपा गया है।टीम एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट पेश करेगी उसके बाद ही आगे की कार्यवाही की जाएगी।

deshdigatal के लिए रजिंदर खनूजा

 

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