विजय दिवस के उपलक्ष्य में संगोष्ठी का हुआ आयोजन
भारत पाकिस्तान युद्ध 1971 के स्वर्णिम 51 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में नेहरू युवा केंद्र के मार्गदर्शन पर महिला उत्थान कल्याण समिति द्वारा यादव भवन में विजय दिवस के उपलक्ष में संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर समिति के सदस्य और कई युवक युवतियां भी शामिल हुए।
उदयपुर। भारत पाकिस्तान युद्ध 1971 के स्वर्णिम 51 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में नेहरू युवा केंद्र के मार्गदर्शन पर महिला उत्थान कल्याण समिति द्वारा यादव भवन में विजय दिवस के उपलक्ष में संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर समिति के सदस्य और कई युवक युवतियां भी शामिल हुए।
कार्यक्रम में अंबिकापुर से विदया सांडिल्य मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। विशिष्ट अतिथि रानी प्यासी रही। इस दौरान महिला उत्थान कल्याण समिति के अध्यक्ष एवं जनपद सदस्य सरिता महंत ने 16 दिसंबर विजय दिवस 1971 में सैनिकों की ओर से दी गई कुर्बानी एवं शोर्यपूर्ण योगदान को याद किया और बताया कि 16 दिसंबर का हर साल हमारा पूरा देश विजय दिवस के तौर पर मनाते आ रहे हैं।
इस दिन 1971 में भारत ने पाकिस्तान को जंग में हराया था इस ऐतिहासिक जीत का जश्न हर साल मनाया जाता है। हालांकि इस जंग में भारतीय सैनिकों ने बड़े पैमाने पर कुर्बानियां भी दी थी। करीब 39000 भारतीय सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए थे। जबकि 98516 घायल हुए थे आज देश के वीर सिपाहियों के सारे अदम्य साहस कुर्बानी को नमन किया जा रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि हम सबको मिलकर सैनिकों का हमेशा सम्मान करना चाहिए। हमारा देश और हम इन्हीं की वजह से सुरक्षित है। मुख्य अतिथि विदया सांडिल्य द्वारा सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए देश के सैनिकों के बलिदानों को याद करते हुए कहा कि हमें सदैव सैनिकों का सम्मान करना चाहिए । संगोष्ठी को आगे बढ़ाते हुए चंदा श्रीवास्तव के द्वारा देशभक्ति गीत ए मेरे वतन के लोगों सुना कर शहीदों को श्रद्धांजलि दिया गया । साथ ही राहुल के द्वारा देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया गया लोगों ने कहा हमें भी देश के लिए कुछ करना चाहिए । सभी लोग गौरव गाथा सुनकर अपने देश के लिए गौरव महसूस किए कार्यक्रम में सभी ने विचार-विमर्श रखा कार्यक्रम में सचिव चंद्रकला सिरदार उपाध्यक्ष सुनीता अजगले, दामिनी, फुलसीता, चंदा श्रीवास्तव, पूजा दुबे गायत्री गुप्ता बृजमती रीता दास अंशिका और सदस्य उपस्थित रहे। -उदय पुर से क्रांति कुमार रावत