शासकीय मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर से पहला बेच पास आउट
शासकीय मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर के पहले बेच के पास आउट छात्रों को प्रशस्ति पत्र एवम मेडल देकर सम्मानित किया गया।
अम्बिकापुर| शासकीय मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर के कॉन्वोकेशन में पहले बेच के पास आउट छात्रों को प्रशस्ति पत्र एवम मेडल देकर सम्मानित किया गया।
आज शनिवार को राजमाता श्रीमती देवेंद्र कुमारी सिंहदेव शासकीय मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर का प्रथम कॉन्वोकेशन आयोजित किया गया। इस महाविद्यालय के सबसे पहले 2016 बेच में प्रवेश लिए छात्रों को प्रशस्ति पत्र एवम मेडल देकर सम्मानित किया गया।
राजमाता श्रीमती देवेंद्र कुमारी सिंहदेव शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय अम्बिकापुर के उक्त कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विष्णु दत्त डी एम ई के संचालक ने कार्यक्रम में ऑनलाइन उपस्थित हो कर आज अपना एमबीबीएस पूर्ण कर अब जनता की सेवा में जा रहे नए डॉक्टरों को आशीर्वाद दिया।

सरगुजा चिकित्सा महाविद्यालय के डीन रामणेश मूर्ति ने महाविद्यायलिन गतिविधियों को विस्तार से उपस्थित पालकों एवम नये डॉक्टरों को अवगत करवाया। महाविद्यालय में भविष्य में होने वाले विकास एवम कार्यक्रमो की जानकारी भी उन्होंने दी।श्री मूर्ति एवम समस्त महाविद्यालयीन स्टाफ द्वारा आज विभिन्न स्थानों पर अपनी सेवाएं देने जा रहे डॉक्टरों को शुभकामनायें दी।
पहला बेच पहले बच्चे की तरह–रंजना
कार्यक्रम सचिव श्रीमती रंजना आर्या ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि नये अम्बिकापुर महाविद्यालय का पहला बेच आज पूर्णतः डॉक्टर बनकर कॉलेज से विदा हो रहा है।मैं कॉलेज प्रारम्भ होते ही यहां कार्यरत हूँ। इसलिए जिस तरह किसी भी व्यक्ति की पहली संतान उसे अत्यधिक प्रिय होती है उसी तरह हमे भी इस महाविद्यालय का पहला बेच अतिप्रिय है। मैंने कोरोना संकट में भी देखा है कि यह बेच उस समय भी उत्साहपूर्वक डटा रहा।
डॉ काजल चांडक को पांच मेडल
महाविद्यालय के डीन रामणेश मूर्ति ने बताया कि छात्र काजल चांडक ने एक साथ पांच विषयों में गोल्ड मेडल हासिल कर बता दिया कि यह महाविद्यालय प्रदेश के किसी भी चिकित्सा महाविद्यालय से आगे है। यहां आधुनिक सहित अन्य सभी तरीके से पढ़ाई कराई जाती है जिससे यहां के छात्र लगातार आगे बढ़ रहे है।
उक्त कार्यक्रम में डीन रामणेश मूर्ति, डॉ आर सी आर्या, डॉ लखन सिंह एवम डॉ रंजना आर्या सहित महाविद्यालय के सभी छात्र छात्राएं, पालक गण एवम महाविद्यालयीन स्टाफ उपस्थित थे।
शपथ दिलाई गई
कार्यक्रम के अंत मे अग्नि को साक्षी रखकर सभी नये डॉक्टरों को मरीजों के प्रति संवेदना, उचित व्यवहार एवम समाज हित मे कार्य करने की शपथ भी दिलाई गई।