जंगली सुअर के हमले से वृद्ध की मौत, आखिरी तक कुत्ते ने नहीं छोड़ा मालिक का साथ

वन परिक्षेत्र उदयपुर अंतर्गत आने वाले ग्राम परोगिया के घनघोर जंगल बेंवरा बहार में सोमवार को भैंस चराने गये 58 वर्षीय वृद्ध की जंगली सुअर के हमले में मौत हो गई.   

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उदयपुर| वन परिक्षेत्र उदयपुर अंतर्गत आने वाले ग्राम परोगिया के घनघोर जंगल बेंवरा बहार में सोमवार को भैंस चराने गये 58 वर्षीय वृद्ध की जंगली सुअर के हमले में मौत हो गई.
वन परिक्षेत्र उदयपुर में भालूओ और हाथियों के हमले से मौत की खबर तो निरंतर अंतराल में आते रहते है. ताजा मामला ग्राम परोगिया का है जहां के 58 वर्षीय वृद्ध सदर साय आ. स्व राजाराम जो कि भैंस चराने खेत बेंवरा बहार के पास दोपहर 2.30 बजे करीब गया था. गांव का मंगल मझवार जो कि उसी जंगल में भैंस एवं बकरी चराने गया हुआ था उसने सदर साय के घर शाम को आकर उसके बेटे को बताया कि तुम्हारे पापा को जंगली सुअर मार दिया है.

घटना की जानकारी होने पर मृतक के परिजन सूचनाकर्ता मंगलसाय अन्य ग्रामीणों के साथ सायं 5.30 बजे बेंवरा बहार जंगल पहुंचे और शव को उठाकर घर लेकर आए.  घटना की सूचना उदयपुर वन विभाग की टीम व पुलिस को दी गई मंगलवार को प्रधान आरक्षक विमल सिंह, आरक्षक कुंजलाल सोरी तथा वन अमला की टीम परिक्षेत्र सहायक बासेन अजीत सिंह, परमेश्वर सिंह, भरत सिंह, नंदू सुबह 8 बजे मृतक के घर पहुंचकर वस्तु स्थिति का जायजा लिया. शव का पंचनामा कराकर सीएचसी उदयपुर पोस्टमार्टम के लिए रवाना कर घटना स्थल जंगल का मुआयना करने पुलिए एवं वन विभाग की टीम गई.

अनुमान लगाया जा रहा है कि जंगली सुअर के हमले से जंगल में भागने का अवसर नहीं मिलने और शरीर से अधिक खून बह जाने की वजह से सदर साय की मौके पर ही   मौत हो गई. जंगली सुअर ने सदर साय के कमर के नीचे वाले हिस्से में व पैर में कई जगह हमला किया था उसके दांतों के निशान शरीर पर पड़े हुये थे.  घटना स्थल का निरीक्षण कर पुलिस व वन विभाग की टीम वापस उदयपुर आकर आगे की कार्यवाही में जुटी हुई है.
वन अमला की टीम द्वारा वन परिक्षेत्र अधिकारी गजेन्द्र दोहरे, परिक्षेत्र सहायक अजीत सिंह द्वारा 25 हजार रूपये की तात्कालिक सहायता राशि सोमवार की रात को ही प्रदान कर दी गई तथा शासन के निर्देशानुसार मुआवजा प्रकरण तैयार कर आगे की कार्यवाही करने की बात कही गई है.

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फादार कुत्ते ने नहीं छोड़ा मालिक का साथ

सदर साय का पालतु कुत्ता अपने मालिक के शव के पास बैठा रहा. जब मंगल साय व परिजन ग्रामीणों के साथ पहुंचे तब वह लोगों के साथ जंगल से वापस घर आया. सूचनाकर्ता मंगल साय ने बताया कि कुत्ते के भौकने की आवाज सुनकर वह उक्त घटनास्थल पर पहुंचा था तब भी वह कुत्ता अपने मालिक का साथ नहीं छोड़ा था.

deshdigital ले लिए क्रांतिकुमार रावत

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