फतेहपुर में अडानी कंपनी के कोल खनन परियोजनाओं के खिलाफ ग्रामीण एकजुट , 4 से पदयात्रा

 सरगुज़ा के फतेहपुर में हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति द्वारा  हसदेव अरण्य क्षेत्र में खनन परियोजनाओ को निरस्त करने एवम फर्जी ग्रामसभा प्रस्तावों को निरस्त कर अडानी कंपनी और अधिकारियों पर FIR दर्ज करने की मांगो पर सम्मेलन हुआ।

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उदयपुर |  सरगुज़ा के फतेहपुर में हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति द्वारा हसदेव अरण्य क्षेत्र में  कोल खनन परियोजनाओ को निरस्त करने एवम फर्जी ग्रामसभा प्रस्तावों को निरस्त कर अडानी कंपनी और अधिकारियों पर FIR दर्ज करने की मांगो पर सम्मेलन हुआ। इसके बाद आदिवासियों ने विशाल रैली निकाली। पांचवी अनुसूचित क्षेत्रों में ग्रामसभा सहमति के बिना किये जा रहे भूमि अधिग्रहण को रद्द कर कोल ब्लाकों को निरस्त करने की मांग दोहराई। सोमवार 4 अक्टूबर से रायपुर के लिए हसदेव बचाओ पदयात्रा शुरू होगी।

 

इस आयोजन को रोकने की कोशिश की कोशिश नाकाम रही कोल खदान के विरोध में सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित रहे| लोकतांत्रिक तरीके से अपने संवैधानिक अधिकारों की रक्षा में लोग ने सतत अपनी बातों को मुखरता से सामने रखा| एक पक्ष के दबाव के बावजूद हसदेव अरण्य बचाओ की टीम के साथ लोग एकजुट रहे|

आयोजन को न होने देने की लगातार  कोशिशों के बीच मजबूती के साथ इस आन्दोलन से जुड़े लोगों ने गाँधी जी को नमन करते हुए उनके सपनो के भारत के गाँव को बचाने के अपने संकल्प को दोहराया| लोगों ने पांचवी अनुसूची क्षेत्र होने के बाद भी लगातार कोल बेअरिंग एक्ट से कोयला खदान हेतु किए जा रहे भूमि अधिग्रहण का विरोध किया| पेसा कानून के ग्रामसभा से पूर्व सहमति के प्रावधानों को दरकिनार कर किए जा रहे भूमि अधिग्रहण को रद्द करने की मांग की|

मुनेश्वर पोर्ते ग्राम फत्तेपुर से है उन्होंने कहा परसा कोल ब्लॉक की भी वन स्वीकृति ग्रामसभा का फर्जी प्रस्ताव बनाकर हासिल की गई| इस फर्जी प्रस्ताव को निरस्त कर दोषियों पर कार्यवाही और बिना सहमति के भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को निरस्त करने की मांग की|

सुनीता पोर्ते ग्राम फत्तेपुर से, कहती है कि 4 अक्टूबर को इस आयोजन को आगे बढाते हुए हम रायपुर तक पदयात्रा में निकलेंगे और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पूछेंगे कि हमारे संवैधानिक अधिकारों को हमसे क्यों छीना जा रहा है| कॉर्पोरेट मुनाफे के लिए हमारी जमीन को क्यों छीना जा रहा है?

अपने जल जंगल और जमीन को बचाने के लिए हसदेव के लोग पिछले एक दशक से संघर्षरत है| 2015 में हसदेव अरण्य की 20 ग्राम सभाओं ने खनन के विरोध में प्रस्ताव पारित किया था|

2019 में ग्राम फतेहपुर  में 75 दिनों तक धरना प्रदर्शन किया लेकिन राज्य सरकार ने कोई संज्ञान नही लिया । ग्राम सभाओं के व्यापक विरोध और भूमि अधिग्रहण से लेकर सभी स्वीकृति प्रक्रियाओं को मनमाने एवं गैरकानूनी  ढंग से किया जिसकी जानकारी राज्य एवं केंद्र सरकार के । सम्बंधित विभागों और स्वयं मुख्यमंत्री को भी प्रेषित किया गया किन्तु आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है|

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लगातार अपनी बातों को पत्रों के माध्यम से सरकार तक पहुंचाने के बाद भी हमें अनसुना किया गया| इस आन्दोलन को  2015 में खुद राहुल गाँधी ने भी समर्थन किया| इसके बाद भी हमें अपने ही जमीन से बेदखल कर कॉर्पोरेट मुनाफा सुनिश्चित करने के लिए रास्ता तैयार करने की कोशिश की जा रही है इसलिए हम यह पदयात्रा करने जा रहे है ताकि हम मुख्यमंत्री और राज्यपाल को मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपे और अपने लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा कर सके|

सम्मलेन को मिला कांग्रेस का समर्थन  

फतेहपुर में आयोजित सम्मेलन में शामिल होने कांग्रेस के नेता व विधायक प्रतिनिधि सिद्धार्थ सिंहदेव, जिला पंचायत सदस्य राजनाथ सिंह, जनपद उपाध्यक्ष नीरज मिश्रा, बबन रवि, आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष ओम प्रकाश सिंह, मनीष पाण्डेय, जनपद सदस्य रैमुनिया करियाम पहुंचे।

विधायक प्रतिनिधि सिद्धार्थ सिंहदेव ने कहा, माननीय टी एस सिंहदेव सदैव और कांग्रेस पार्टी सदैव ग्रामीणों के साथ खड़े है । चार तारीख को फतेहपुर से रायपुर तक पैदल यात्रा में शामिल होंगे।

छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के आलोक शुक्ला ने पदयात्रा की रूपरेखा के बारे में बताया तथा जल जंगल जमीन की लड़ाई में अपनी लड़ाई जारी रखने की बात कही।

इधर सोशल मिडिया पर भी #हसदेव अरण्य बचाओ #hashdev ट्रेंड कर रहा है |

(video साभार क्रांति कुमार रावत)

 

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