बेमेतरा|  पारले बिस्कुट कम्पनी इन्दौर/मुम्बई के द्वारा अमानक खाद्य पदार्थों का उत्पादन, वितरण एवं विक्रय करने के कारण अपर कलेक्टर बेमेतरा डॉ. ए.के. बाजपेयी के द्वारा खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत 6 लाख 40 हजार का अर्थदण्ड लगाया गया है।

खाद्य सुरक्षा अधिकारी, खाद्य एवं औषधि प्रशासन बेमेतरा के द्वारा आरोपी नरेन्द्र देवांगन, फर्म महाजन किराना स्टोर्स बेरला के दुकान का निरीक्षण किया गया और पारले बिस्कुट कम्पनी द्वारा उत्पादित पारले किसमी असोर्टेड टॉफी दुकानदार द्वारा विक्रय किया जा रहा था, जिसका सेम्पल लिया जाकर उक्त खाद्य पदार्थ का खाद्य विश्लेषक, इन्दौर से परीक्षण कराया गया।

परीक्षण में उक्त खाद्य पदार्थ को अमानक घोषित किया गया। जिसके आधार पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा अभिहित अधिकारी बेमेतरा से विधिवत अनुमति प्राप्त कर एडीएम एवं न्याय निर्णयन अधिकारी बेमेतरा के समक्ष उक्त खाद्य सामग्री का उत्पादन, वितरण एवं विक्रय करने वाले आरोपी नरेन्द्र देवांगन, सुजित राउत, जाबिर अली, रामसिंग एवं एस. वसन्त मुरली के विरूद्ध प्रकरण प्रस्तुत किया गया।

एडीएम न्यायालय में सुनवाई उपरांत आरोपीगणों को अमानक खाद्य पदार्थ के उत्पादन, वितरण एवं विक्रय को दोषी मानते हुये आरोपीगणों को 6 लाख 40 हजार का जुर्माना अधिरोपित करते हुये 15 दिवस के भीतर अधिरोपित जुर्माने की राशि न्यायालय में जमा करने का निर्देश दिया गया।

एडीएम ने अपने निर्णय में लिखा है कि पारले बिस्कुट कम्पनी एक प्रतिष्ठित व्यवसायिक कम्पनी व माना हुआ ब्राण्ड है, जिसका देशव्यापी विस्तृत व्यवसायिक क्षेत्र है ऐसी कम्पनी से अमानक खाद्य पदार्थ के उत्पादन की अपेक्षा नहीं की जा सकती और कम्पनी का यह कृत्य जन स्वास्थ्य एवं सुरक्षा साथ खिलवाड़ है।

अमानक खाद्य पदार्थ पारले किसमी असोर्टेड टॉफी का विक्रय करने वाले आरोपी नरेन्द्र देवांगन निवासी बेरला पर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा 51 के तहत 20 हजार रूपये, जय मातादी ट्रेडर्स अहिवारा, नंदिनी के संचालक सुजित राउत पर 20 हजार रूपये, श्री वासु लॉजिस्टीक लि. रायपुर के संचालक जाबिर अली पर एक लाख रूपये, पारले बिस्कुट प्रा.लि. इन्दौर के संचालक रामसिंग पर 2 लाख 50 हजार रूपये तथा पारले बिस्कुट प्रा.लि. मुम्बई के संचालक एस. वसन्त मुरली पर 2 लाख 50 हजार रूपये का जुर्माना आरोपित किया गया है। आरोपियों द्वारा जुर्माना राशि समय पर जमा न करने पर भू-राजस्व बकाया के भांति वसूली की कार्यवाही होगी।