दलाल स्ट्रीट पर भारी गिरावट, निवेशकों के 9 लाख करोड़ रुपये डूबे

निफ्टी लगातार पांचवें महीने गिरावट के साथ बंद हुआ, जो पिछले 29 वर्षों में सबसे लंबी नकारात्मक प्रवृत्ति है.

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मुंबई| शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा, जब दोनों प्रमुख सूचकांक लगभग 2% तक गिर गए. एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स 1,414 अंक (1.9%) गिरकर 73,198 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 420 अंक (1.86%) की गिरावट के साथ 22,124 पर आ गया. इस भारी गिरावट के पीछे वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका और विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार बिकवाली मुख्य कारण माने जा रहे हैं.

शेयर बाजार में आज की गिरावट से निवेशकों को भारी नुकसान हुआ, जिससे बीएसई-सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण घटकर 384.22 लाख करोड़ रुपये रह गया. इस एक दिन की गिरावट में ही लगभग 9 लाख करोड़ रुपये की बाजार संपत्ति नष्ट हो गई.

29 वर्षों में सबसे लंबी मासिक गिरावट

निफ्टी लगातार पांचवें महीने गिरावट के साथ बंद हुआ, जो पिछले 29 वर्षों में सबसे लंबी नकारात्मक प्रवृत्ति है.

आईटी और ऑटो सेक्टर में भारी गिरावट

शुक्रवार के कारोबारी सत्र में आईटी शेयरों को सबसे अधिक नुकसान हुआ. निफ्टी आईटी इंडेक्स में 6.5% की गिरावट दर्ज की गई, जिसका मुख्य कारण अमेरिकी बाजार में एनवीडिया के शेयरों का भारी नुकसान रहा.

टेक महिंद्रा, विप्रो और एमफैसिस जैसी कंपनियों के शेयर सबसे अधिक गिरे. वहीं, ऑटो सेक्टर में भी गिरावट देखी गई, जहां निफ्टी ऑटो इंडेक्स लगभग 4% लुढ़क गया. अन्य सेक्टरों में बैंकिंग, मेटल, मीडिया, एफएमसीजी, फार्मा और तेल एवं गैस शेयरों में भी 0.7% से 3.5% तक की गिरावट देखी गई.

ग्लोबल संकेतों ने बढ़ाई बाजार की चिंता
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर के अनुसार, “कमजोर वैश्विक संकेतों के कारण घरेलू बाजार में भारी गिरावट देखी गई. इस गिरावट का मुख्य कारण अमेरिका द्वारा कनाडा और मैक्सिको से आयात होने वाले उत्पादों पर 25% शुल्क लगाने की आशंका है, जो अगले सप्ताह से लागू हो सकता है. इसके अलावा, चीन से आयातित उत्पादों पर 10% अतिरिक्त शुल्क लगाने की संभावना भी निवेशकों की चिंता बढ़ा रही है.”

नायर ने आगे कहा कि, “यूरोपीय संघ पर संभावित टैरिफ से जुड़ी अनिश्चितता ने बाजार में और अधिक बेचैनी पैदा कर दी है. अब निवेशकों की नजरें घरेलू तीसरी तिमाही की जीडीपी रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो आर्थिक पुनरुद्धार की दिशा में महत्वपूर्ण संकेत दे सकती है और बाजार की चाल को प्रभावित कर सकती है.”

निफ्टी के लिए अहम स्तर

एलकेपी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक रुपक डे के अनुसार, “निफ्टी में शुक्रवार को बड़ी गिरावट देखी गई, जो 400 अंकों से अधिक की गिरावट के साथ एक महत्वपूर्ण समेकन स्तर तोड़ चुका है. आरएसआई (रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स) नकारात्मक संकेत दे रहा है, लेकिन अब यह ओवरसोल्ड जोन में प्रवेश कर चुका है.”

उन्होंने आगे कहा, “अल्पावधि में निफ्टी को 21,800-22,000 के स्तर पर समर्थन मिल सकता है. यदि यह 21,800 के ऊपर टिकता है, तो इसमें अच्छी रिकवरी की संभावना होगी. लेकिन यदि यह इस स्तर को बनाए नहीं रखता, तो बाजार में और अधिक गिरावट देखने को मिल सकती है.”

शेयर बाजार में मौजूदा गिरावट वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंकाओं, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और कमजोर वैश्विक संकेतों के कारण हो रही है. निवेशकों को अब घरेलू आर्थिक आंकड़ों का इंतजार है, जो आगे के बाजार रुझान को तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे.

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