बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था पर संकट, आज से होम आइसोलेशन में जाएंगे 27 हजार स्वास्थ्यकर्मी

बिहार में कोरोना महामारी के इस दौर में अपनी जान की परवाह किए बगैर लोगों की सेवा में लगे स्वास्थ्याकर्नियों ने बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले क मुताबिक राज्य के लगभग 27 हजार स्वास्थ्यकर्मी आज से होम आइसोलेशन में जाएंगे।

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पटना| बिहार में कोरोना महामारी के इस दौर में अपनी जान की परवाह किए बगैर लोगों की सेवा में लगे स्वास्थ्याकर्नियों ने बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले क मुताबिक राज्य के लगभग 27 हजार स्वास्थ्यकर्मी आज से होम आइसोलेशन में जाएंगे। बिहार राज्य स्वास्थ्य संविदा कर्मी संघ ने सरकार के उदासीन रवैये के खिलाफ यह कड़ा कदम उठाते हुए होम आइसोलेशन में जाने का निर्णय लिया है।

दरअसल, 50 लाख रुपए बीमा, मानदेय रिवीजन सहित अपनी 9 सूत्री मांगों को लेकर बिहार राज्य स्वास्थ्य संविदाकर्मी बुधवार से होम आइसोलेशन में जाएंगे। संघ का कहना है कि कई बार स्मार पत्र दिए जाने के बावजूद बिहार सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है। सोमवार को संघ की ओर से इस निर्णय की कॉपी राज्य के सभी जिलों में सिविल सर्जन सह सदस्य सचिव जिला स्वास्थ्य समिति को उपलब्ध करा दी गई है। अब आज  से 27 हजार स्वास्थ्यकर्मी होम आइसोलेशन में जाएंगे। जाहिर है किसंविदा स्वास्थ्य कर्मियों के होम आइसोलेशन में जाने से स्वास्थ्य व्यवस्था पर इसका काफी असर पड़ेगा। खासकर कोरोना के जांच, और रिपोर्टिंग पर काफी बुरा असर पड़ेगा।

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हालांकि संविदा कर्मचारी संघ के द्वारा होम आइसोलेशन पर जाने की धमकी के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया और मांगों पर विचार करने के लिए स्वास्थ्य विभाग अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन कर दिया। संघ के सचिव ललन कुमार सिंह ने बताया कि बुधवार को विभाग ने इस मुद्दे पर बातचीत करने के लिए बुलाया है।

वहीं, इस मामले में बिहार पुलिस स्पेशल ब्रांच की ओर से अलर्ट जारी किया गया है। स्पेशल ब्रांच के एसपी की ओर से सभी जिलों के डीएम, एसएसपी, एसपी, आईजी व डीआईजी को पत्र लिखकर कहा गया है कि स्वास्थ्य संविदा कर्मियों के इस कदम से स्वास्थ्य व्यवस्था को गंभीर संकट का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए आवश्यक कार्रवाई की जाए।

आपको बता दें कि राज्य में 27000 स्वास्थ्य संविदाकर्मी हैं जो मांगों के नहीं माने जाने से नाराज हैं। संघ के सचिव ने कहा कि संविदाकर्मियों में अस्पताल प्रबंधक, पारा मेडिकल स्टाफ, डाटा ऑपरेटर सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मी हैं। कोविड काल में ऑक्सीजन के प्रबंधन से लेकर डाटा इंट्री तक का काम इन्हीं संविदाकर्मियों पर है लेकिन सरकार की ओर से सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है।

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