प्रधानमंत्री ने एनडीए नेताओं को दी सख्त हिदायत: विवादों के बाद दिल्ली बैठक में अनुशासित बयानबाजी पर जोर

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के नेताओं को हाल के विवादास्पद बयानों के मद्देनजर सख्त निर्देश दिए हैं. रविवार को दिल्ली में हुई एनडीए की एक महत्वपूर्ण बैठक में उन्होंने नेताओं से अनुशासित और जिम्मेदार बयानबाजी सुनिश्चित करने को कहा. सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि “बेतुकी बातें” और अनावश्यक विवाद पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाते हैं और गठबंधन के विकास के एजेंडे को कमजोर करते हैं.

यह बैठक हाल ही में कुछ एनडीए नेताओं के बयानों से उपजे विवादों की पृष्ठभूमि में बुलाई गई थी, जिन्हें विपक्ष ने सरकार के खिलाफ आलोचना का हथियार बनाया. सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने नेताओं से कहा, “हमें अपनी ऊर्जा और बयानों को राष्ट्रीय हित और विकास के मुद्दों पर केंद्रित करना होगा. अनावश्यक टिप्पणियां हमें हमारे लक्ष्यों से भटकाती हैं.” उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी नेताओं को अपनी बात रखते समय संयम और जवाबदेही बरतनी चाहिए, ताकि गठबंधन की एकजुटता और विश्वसनीयता बनी रहे.

बैठक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा एनडीए के सहयोगी दलों के प्रमुख नेता शामिल थे, जिनमें जनता दल (यूनाइटेड) के नीतीश कुमार, तेलुगु देशम पार्टी के चंद्रबाबू नायडू और शिवसेना के एकनाथ शिंदे प्रमुख थे. चर्चा का मुख्य एजेंडा आगामी विधानसभा चुनावों की रणनीति और गठबंधन के भीतर बेहतर समन्वय स्थापित करना था. इसके अलावा, केंद्र सरकार की प्रमुख योजनाओं, जैसे ‘विकसित भारत 2047’ और बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं को जनता तक प्रभावी ढंग से पहुंचाने पर भी विचार-विमर्श हुआ.

प्रधानमंत्री ने नेताओं से सोशल मीडिया पर भी सावधानी बरतने की सलाह दी, क्योंकि हाल के कुछ विवादों में नेताओं के सोशल मीडिया पोस्ट ने अनावश्यक बहस को जन्म दिया था. उन्होंने कहा कि डिजिटल युग में हर बयान की गूंज दूर तक जाती है, इसलिए नेताओं को अपनी बात को रचनात्मक और सकारात्मक तरीके से रखना होगा. सूत्रों के अनुसार, बैठक में यह भी सहमति बनी कि एनडीए के सभी घटक दल एक साझा संदेश और नीति के साथ जनता के सामने जाएंगे, ताकि विपक्ष को सरकार की उपलब्धियों पर सवाल उठाने का मौका न मिले.

विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने एनडीए नेताओं के हालिया बयानों को लेकर सरकार पर निशाना साधा था. कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “एनडीए के नेता बार-बार विवादास्पद बयान देकर देश का ध्यान असल मुद्दों से भटकाने की कोशिश कर रहे हैं.” जवाब में, भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है, इसलिए वह छोटी-छोटी बातों को तूल देता है.

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बैठक एनडीए के लिए एकजुटता और अनुशासन को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, खासकर तब जब कई राज्यों में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं. प्रधानमंत्री का यह संदेश साफ है कि गठबंधन को अपनी ऊर्जा विकास और जनकल्याण के मुद्दों पर केंद्रित करनी होगी, न कि अनावश्यक विवादों में उलझना होगा.

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