पुंछ, जम्मू-कश्मीर: कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने हाल की सीमा पार गोलीबारी से प्रभावित परिवारों और स्कूली बच्चों से मुलाकात की, जिन्होंने इस हिंसा में अपने परिजनों और सहपाठियों को खोया. राहुल गांधी ने पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की और उनकी समस्याओं को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने का आश्वासन दिया.
राहुल गांधी सुबह जम्मू हवाई अड्डे पर उतरे और वहां से हेलीकॉप्टर के जरिए पुंछ पहुंचे. इस महीने की शुरुआत में भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव के दौरान पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी में पुंछ क्षेत्र को भारी नुकसान हुआ था. इस हिंसा में 12 वर्षीय जुड़वां भाई-बहन जैन अली और उरवा फातिमा सहित 13 लोगों की जान चली गई, जबकि कई घर, स्कूल और धार्मिक स्थल क्षतिग्रस्त हो गए.
पुंछ में अपने एक घंटे के दौरे के दौरान राहुल गांधी ने क्राइस्ट स्कूल और जामिया जिया-उल-उलूम का दौरा किया, जहां उन्होंने गोलीबारी से प्रभावित छात्रों से बातचीत की. उन्होंने बच्चों को हौसला देते हुए कहा, “घबराने की जरूरत नहीं है. मेहनत से पढ़ाई करें, खूब खेलें और ढेर सारे दोस्त बनाएं. सब कुछ जल्द सामान्य हो जाएगा.” इसके अलावा, उन्होंने सिंह सभा गुरुद्वारा, एक हिंदू मंदिर और एक मदरसे का दौरा कर वहां हुए नुकसान का जायजा लिया.
राहुल गांधी ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर उनकी व्यथा सुनी और उनके नुकसान को “बड़ी त्रासदी” करार दिया. उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे ताकि प्रभावित लोगों को उचित सहायता और पुनर्वास मिल सके. यह उनकी अप्रैल में पहलगाम आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर की दूसरी यात्रा है, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी. उस दौरान उन्होंने श्रीनगर में घायलों और प्रभावित पक्षों से मुलाकात की थी.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर प्रभारी नसीर हुसैन ने कहा, “पुंछ में हुए नुकसान ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया है. राहुल गांधी का यह दौरा प्रभावित लोगों के साथ एकजुटता दर्शाता है.” हालांकि, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने इस दौरे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि राहुल गांधी को भारतीय सैनिकों की बहादुरी की सराहना करनी चाहिए थी.
राहुल गांधी के इस दौरे को स्थानीय लोगों ने सकारात्मक रूप से देखा, जिन्हें उम्मीद है कि उनकी समस्याएं अब राष्ट्रीय मंच पर गूंजेंगी. इस दौरे के दौरान वह जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री से भी मुलाकात कर सकते हैं ताकि क्षेत्र की सुरक्षा और पुनर्वास योजनाओं पर चर्चा हो सके.