पुरी एमार मठ में फिर खजाने की खोज खुदाई शुरू

ओडिशा के जगन्नाथ पुरी स्थित 11वीं शताब्दी के एमार मठ में छिपे खजाने की तलाश में  आज शुक्रवार को एक बार फिर खुदाई शुरू की गई | मेटल डिटेक्टरों से तीन जगहों की पहचान की गई और अब उन जगहों को खोदा जा रहा है।

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भुवनेश्वर | ओडिशा के जगन्नाथ पुरी स्थित 11वीं शताब्दी के एमार मठ में छिपे खजाने की तलाश में  आज शुक्रवार को एक बार फिर खुदाई शुरू की गई | मेटल डिटेक्टरों से तीन जगहों की पहचान की गई और अब उन जगहों को खोदा जा रहा है।

बता दें ट्रस्ट बोर्ड के अनुरोध के बाद पिछले साल सितंबर में  मठ परिसर में तीन स्थानों पर खुदाई की जा रही थी। ट्रस्ट बोर्ड को संदेह था कि मठ परिसर में और भी खजाना छिपा हो सकता है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मठ के प्रवेश पथ को उप-कलेक्टर भाबतरन साहू, मठ ट्रस्ट बोर्ड के सदस्यों और अन्य की उपस्थिति में आज खोदा गया।

उप-कलेक्टर भाबतरन साहू ने ओटीवी को बताया है कि , मठ के सामने के हिस्से में तीन जगहों की पहचान की गई और अब उन जगहों को खोदा जा रहा है। यदि किसी वस्तु के निशान मिलते हैं, तो हम उस स्थान को और गहराई से खोदेंगे ।

नए न्यास बोर्ड के अध्यक्ष के मुताबिक , जब मैंने पदभार संभाला, तो मैंने मठ के सभी कमरों के भूमिगत का अच्छी तरह से निरीक्षण किया। मुझे कोई ज्ञान नहीं है कि और अधिक खजाने भूमिगत छिपे हैं। यदि कोई है, तो वह खुदाई के बाद सामने आएगा।

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बता दें श्री जगन्नाथ मंदिर के दक्षिण पूर्वी कोने में स्थित, 25 फरवरी, 2011 को इस प्राचीन मठ से कुल 18 टन वजन और 90 करोड़ रुपये मूल्य की 522 चांदी की सिल्लियों की बरामदगी की गई थी | इसके बाद से यह मठ देश विदेश में चर्चा में आ गया था |

वहीं , 10 अप्रैल, 2021 को दूसरे चरण की तलाशी में मठ से लगभग 35 किलोग्राम वजन वाली 45 चांदी की सिल्लियां बरामद की गईं।

इसके अलावा, अप्रैल 2021 में बंदोबस्ती आयुक्त द्वारा अपने कब्जे के बाद मठ के अंदर एक  चांदी का पेड़, फूल, गुलदस्ता, चांदी के बर्तन और गहने जैसी कुछ कीमती चीजें मिलीं।

pics OTV

मठ से कांसे से बनी गाय और बछड़े का एक जोड़ा और 16 प्राचीन तलवारें भी बरामद हुई हैं। सूत्रों के मुताबिक झूलन यात्रा के दौरान गाय-बछड़े की मूर्ति का इस्तेमाल किया गया था। संदेह है कि कई संपत्ति और अन्य वस्तुएं जो मठ ने अपने सदियों पुराने इतिहास के दौरान दान के रूप में प्राप्त की थी, अभी भी परिसर के अंदर दफन हैं|

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