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यहां बाल रुप में विराजमान हैं पवनपुत्र

हनुमान जी अपने नाम के अनुरुप ही भक्तों के संकटों को दूर करते हैं। आस्था और सच्ची भक्ति के आगे स्वयं भगवान भी नतमस्तक हो जाते हैं और अपने प्रिय भक्त को संसार का हर सुख देने को आतुर रहते…
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