‘थुकदम’ पर शोध खोलेगा जीवन-मृत्यु का रहस्य

गीता में कहा गया है कि शरीर तो एक पुतला मात्र है इसमें मौजूद आत्मा जीव है। यह जिस शरीर में होता है उस शरीर के गुण, कर्म और अपेक्षा के अनुरूप मृत्यु के बाद नया शरीर धारण कर लेता है।

0 57

- Advertisement -

मुंबई. गीता में कहा गया है कि शरीर तो एक पुतला मात्र है इसमें मौजूद आत्मा जीव है। यह जिस शरीर में होता है उस शरीर के गुण, कर्म और अपेक्षा के अनुरूप मृत्यु के बाद नया शरीर धारण कर लेता है।

आत्मा न तो जन्म लेता है और न इसकी मृत्यु होती है। जब तक आत्मा शरीर में रहती है तब-तक शरीर जीवत रहता है। आत्मा द्वारा शरीर का त्याग करते ही शरीर सड़ने लगता है और इससे बदबू आने लगती है।

गरूड़ पुराण में कहा गया है कि व्यक्ति की मृत्यु के बाद भी काफी समय तक आत्मा शरीर के आस-पास भटकती रहती है। जिस व्यक्ति की मृत्यु आ जाती है और उनका मोह शरीर से लगा रहता है उनकी आत्मा को यमदूत जबरदस्ती खींचकर ले जाते हैं।

यही कारण है कि प्राचीन काल में योगी मुनि अपनी इच्छा से योग द्वारा शरीर का त्याग करते थे।

माना जाता है कि इस प्रकार शरीर का त्याग करने से सद्गति प्राप्त होती है। हिन्दू धर्म के अलावा बौद्ध धर्म में भी ऐसी ही मान्यता है। इसलिए बौद्ध भिक्षु भी योग द्वारा शरीर त्याग किया करते थे।

- Advertisement -

योग द्वारा शरीर का त्याग करने से शरीर जल्दी दूषित नहीं होता है, क्योंकि उसमें जीवन का अंश मौजूद रहता है। हाल ही में धर्मशाला स्थित डेलेक अस्पताल में बौद्ध भिक्षु गैंगिंग खेतरुल रिंपोंछे की मौत के छह दिन बाद भी उसके पार्थिव शरीर के सुरक्षित रहने से दुनिया भर के चिकित्सक हैरान हैं।

हालांकि इससे पूर्व जनवरी 2013 में भी दक्षिण भारत की ड्रेपुंग मोनेस्ट्री में इस तरह का मामला सामने आया है, जिसमें मोनेस्ट्री के प्रमुख रहे लोबसंग निमा मौत के बाद 18 दिन तक इसी अवस्था में रहे थे।

इन घटनाओं ने मृत्यु के बाद आत्मा की स्थिति की मान्यताओं पर एक नयी बहस छेड़ दी है और शास्त्रों एवं पुराणों की मान्यताओं पर पुन: अध्ययन करने के लिए वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित किया है।

हालांकि, वैज्ञानिक शोध में जुटे चिकित्सक अभी तक यही मान रहे हैं कि जब तक आत्मा है, तब तक शरीर सुरक्षित रहेगा। थुकदम (यानी मृत्यु के बाद भी शरीर के यथावत रहने की मुद्रा) के शोध प्रोजेक्ट पर काम कर रहे डेलेक अस्पताल के चीफ मेडिकल आफिसर डा. छेतेन दोरजे का कहना है

कि विज्ञान हालांकि इस बात को स्वीकार नहीं करता मगर, हमें मानना होगा कि यह जीवन और जीवन के बाद आत्मा से जुड़ा पहलू है। उन्होंने दावा किया बहुत जल्द वैज्ञानिक तथ्यों के साथ वह इसके रहस्य तक भी पहुंचने वाले हैं। लेकिन इसके लिए उन्हें इस तरह के और सब्जेक्ट की तलाश है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.