शराब की अतिरिक्त कमाई शिक्षा और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च करेगी छत्तीसगढ़ सरकार

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रायपुर| छत्तीसगढ़ में शराबबंदी के वादे के साथ सत्ता में आई भूपेश बघेल सरकार ने  फैसला लिया है कि शराब खरीदी के दौरान कोरोना के नाम पर वसूला जा रहा अतिरिक्त शुल्क अब छत्तीसगढ़ की शिक्षा और इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास में खर्च  किया जाएगा। यह फैसला शनिवार को हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया।

कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बैठक के बाद कहा कि जो शुल्क कोरोना के नाम पर अब तक वसूला जा रहा था, उसे शिक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर में लगाया जाएगा। इसलिए सरकार शराब खरीद के दौरान लगने वाले इस टैक्स को जारी रखेगी। दरअसल कोरोना काल के वक्त जब शराब दुकानें खोली गईं तो छत्तीसगढ़ की सरकार ने देशी शराब की हर बोतल पर 10 रुपए और विदेशी शराब पर 10% तक टैक्स लगाने का ऐलान किया था।
सरकार के इस फैसले पर  छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा है कि शराब और शिक्षा में समन्वय कैसे हो सकता है। सरकार कोरोना के नाम पर शराब पर जो टैक्स वसूल रही थी उसका इस्तेमाल कहां किया यह तो नहीं बताया गया। अब शिक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर इस शुल्क को वसूला जाएगा।

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6 महीने पहले छत्तीसगढ़ के विधानसभा में मानसून सत्र के प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक संतराम नेताम ने शराब बिक्री को लेकर सवाल पूछा। इस पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने बताया कि साल 2019 से जून 2020 तक शराब के विक्रय से 6831 करोड़ 71 लाख 79 हजार 63 रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। आबकारी मंत्री ने यह भी बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 337 देशी और 321 विदेशी शराब दुकानें संचालित हैं।

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