3 जनसूचना अधिकारी को 25-25 हजार रूपये अर्थदण्ड

छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग के राज्य सूचना आयुक्त श्री मनोज त्रिवेदी ने समय पर जानकारी उपलब्ध नहीं कराने वाले और सूचना का अधिकार अधिनियम का पालन नहीं करने वाले तीन जनसूचना अधिकारी पर 25-25 हजार रूपये का अर्थदंड अधिरोपित किया है।

0 104
Wp Channel Join Now

रायपुर| छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग के राज्य सूचना आयुक्त श्री मनोज त्रिवेदी ने समय पर जानकारी उपलब्ध नहीं कराने वाले और सूचना का अधिकार अधिनियम का पालन नहीं करने वाले तीन जनसूचना अधिकारी पर 25-25 हजार रूपये का अर्थदंड अधिरोपित किया है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को निर्देश दिए हैं कि अर्थदंड की राशि संबंधित से वसूली कर शासकीय कोष में जमा कराकर आयेग को सूचित करें।

सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत श्री हीरा राठौर सी एस ई बी कॉलोनी कोरबा ने जन सूचना अधिकारी ग्राम पंचायत बनिया जनपद पंचायत पोंड़ी उपरोड़ा और ग्राम पंचायत नानबिर्रा जनपद पंचायत पाली से को 03 जुलाई 2017 को आवेदन प्रस्तुत कर एक फरवरी 2015 से 31 मार्च 2017 तक ग्राम पंचायत में कराए गए कार्याे के पारित प्रस्ताव किस-किस बैंक से किस-किस दिनांक को राशि आहरण किया गया। सभी हितग्राहियों के व्हाउचर रसीद, चेक किस हितग्राही को दिया गया उसका नाम पता सहित छायाप्रति की मांग की गई थी। जानकारी प्राप्त नहीं होने पर 7 नवंबर 2017 को प्रथम अपील आवेदन प्रस्तुत की गई, किन्तु प्रथम अपीलीय अधिकारी के निर्णय से असंतुष्ट होकर आयोग में 11 जनवरी 2018 को द्वितीय अपील की गई।
राज्य सूचना आयुक्त श्री त्रिवेदी ने आवेदन का अवलोकन कर अधिनियम के तहत अपीलार्थी और जनसूचना अधिकारी को सुनने के पश्चात अपीलार्थी को समय सीमा में जानकारी नहीं प्रदाय करने एवं आयोग में कोई जबाब प्रस्तुत नहीं करने के साथ ही आयोग के पत्रों का कोई जवाब नहीं देने पर को गंभीरता से लेते हुए ग्राम पंचायत बनिया के सचिव (तत्कालीन जनसूचना अधिकारी) श्री हरिनाम सिंह और ग्राम पंचायत नोनबिर्रा जनपद पंचायत पाली के तत्कालीन जनसूचना अधिकारी श्रीमती पूनम बैसवाड़े के विरूद्ध धारा 20 (1) के तहत  25-25  हजार रूपए का अर्थदण्ड की राशि अधिरोपित की गई। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पोंड़ी उपरोड़ा और पाली को निर्देशित किया गया कि अधिरोपित अर्थदण्ड की राशि की वसूली कर शासकीय कोष में जमा कराकर आयोग को सूचित करें।

इसी प्रकार श्री चोयसिंह खाण्डेकर ग्राम ओमपुर रजगामार ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कोरबा को 12 सितंबर 2016 को आवेदन प्रस्तुत कर ने वर्ष 2015 से 2016-17 तक 13 वें और 14 वें वित से प्राप्त राशि की वर्षवार जानकारी मांगी। इसी प्रकार 13 वें और 14 वें वित्त की राशि से कराए गए कार्याे की ग्राम पंचायत रजगामार की बैठक का प्रस्ताव ओर 50 हजार से अधिक के कार्यों की तकनीकि स्वीकृति और खर्च की गई राशि, प्रत्येक माह में कितनी राशि बचत है, बैंक पास बुक की छायाप्रति, रोजगार गारंटी की संपूर्ण जानकारी की मांग की थी।

तत्कालीन जनसूचना अधिकारी ग्राम पंचायत रजगामार विकासखण्ड कोरबा ने आवेदक को कोई जानकारी नहीं दी और प्रथम अपीलीय अधिकारी ने भी कोई निर्णय नहीं दिया, जिससे द्वितीय अपील की गई। आयोग ने तत्कालीन जनसूचना अधिकारी ग्राम पंचायत रजगामार श्री सुरेश कुमार धारी कई अवसर प्रदान किया गया कि आयोग में जवाब प्रस्तुत करें, किन्तु उन्होंने कोई रूचि नहीं दिखाई, जिसके कारण राज्य सूचना आयुक्त श्री त्रिवेदी ने धारा 20 (1) के तहत 25 हजार रूपए का अर्थदण्ड की राशि अधिरोपित किया की गई। उन्होंने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कोरबा को निर्देशित किया कि अधिरोपित अर्थदण्ड की राशि की वसूली कर शासकीय कोष में जमा कराकर आयोग को सूचित करें।

लोकतंत्र में पारदर्शी शासन व्यवस्था की यह निशानदेही होती हैं, कि उनके सभी नागरिकों को शासन व्यवस्था की सम्पूर्ण गतिविधियों की सूचना प्राप्त करने का मौलिक अधिकार हो। सूचना का अधिकार का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक जागरूक नागरिक को उनकी इच्छित सूचनाएँ आसानी से उपलब्ध करवाना है। यदि कोई विभाग अथवा संस्था जानकारी देने से इनकार करता हैं, तो उनके विरुद्ध  सूचना आयोग में शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है। इस अधिनियम की मदद से सभी नागरिकों को सूचना सम्पन्न बनाना, सरकार की कार्यप्रणाली को पारदर्शी और अधिक उतरदायी शासन व्यवस्था की ओर ले जाना हैं। सूचना किसी भी रूप में हो सकती है, प्रिंट मीडिया, मॉस मीडिया, वेब मीडिया, ईमेल, जनमत, रिपोर्ट, कागज, संवाद, रिपोर्ट और आकड़े, एडवर्टाइजिंग के रूप में हो सकती है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.