हल्दी की रस्म के दौरान दुल्हन माँ बनी

छत्तीसगढ़ में दुल्हन बनी ओडिशा की बेटी की हल्दी की रस्में चल रही थीं | इसी दौरान उसके पेट में तेज दर्द हुआ | उसे अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसने एक स्वस्थ शिशु को जन्म दिया | घटना कोंडागांव जिले के बांसकोट की है |

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जगदलपुर  छत्तीसगढ़ में दुल्हन बनी ओडिशा की बेटी की हल्दी की रस्में चल रही थीं | इसी दौरान उसके पेट में तेज दर्द हुआ | उसे अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसने एक स्वस्थ शिशु को जन्म दिया | घटना कोंडागांव जिले के बांसकोट की है |

ओडिशा के नवरंगपुर  जिले के किंड़गीडिही  की बेटी  शिवबत्ती मंडावी  का कोंडागाव जिले के बड़ेराजपुर के बांसकोट निवासी चंदन नेताम के साथ शादी की रस्में की जा रही थी | 30 जनवरी को हल्दी की रस्में चल रही थी |

इसी दौरान दुल्हन शिवबत्ती के पेट में तेज दर्द  होने लगा|  उसे तुरंत पास के अस्पताल ले जाया गया |अगले दिन सुबह जब उसकी शादी होने वाली थी, एक स्वस्थ शिशु को जन्म देकर माँ बनी |

दरअसल आदिवासियों में पैठू प्रथा के तहत लड़की अपने प्रेमी के साथ उसके घर जाकर रहने लगती है | बाद  में समाज की बैठक के बाद दोनों की शादी करा दी जाती है |

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ओडिशा के नवरंगपुर  जिले के किंड़गीडिही  की शिवबत्ती मंडावी अगस्त 2021 में जन्माष्टमी के दिन अपने पसंद से चंदन नेताम बांसकोट निवासी के घर पैठू गई  थी।

दुल्हन शिव बत्ती की मां सरिता मंडावी के मुताबिक आपस में बैठकर तय किया कि अब लड़के-लड़की की शादी कर देनी चाहिए। वर पक्ष  ने लड़की के माता-पिता एवं उनके रिश्तेदारों को इस बात की सूचना दी । निमंत्रण दिया गया।

करीब 6 माह बाद दूल्हा-दुल्हन दोनों पक्षों की सहमति के बाद दोनों की शादी की रस्में चल रही थीं | हल्दी की रस्म के दौरान ही दुल्हन माँ बन गई |

बहरहाल परिवार में नवजात के आगमन के साथ चंदन नेताम के घर खुशियाँ दोहरी हो गई हैं | चंदन के पिता छेदीलाल नेताम ने बताया कि वे आसपास के लोगों को निमंत्रण देकर आए थे। वधू पक्ष के लोग भी शादी में शामिल होने आ चुके थे।

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