रायपुर| वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने बारनवापारा अभ्यारण्य क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने वन्यप्राणियों की सुरक्षा के लिये वन विभाग द्वारा किये गये उपायों के साथ ही पर्यटकों के लिये उपलब्ध कराई गई सुविधाओं का जायजा लिया।

वन मंत्री ने बारनवापारा अभ्यारण्य क्षेत्र में वन्यप्राणियों के लिये पानी की उपलब्धता के बारे में जानकारी लेकर इसका निरीक्षण किया। वन विभाग ने अभ्यारण्य क्षेत्र में जलभराव का क्षेत्र निर्मित कर वन्यप्राणियों के लिये पानी की व्यवस्था की है। वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने पर्यटकों के ठहरने के लिये बनाये गये कॉटेज भी पहुंचे।

वन मंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों को अपने साथ लेकर भू-तल व मचान में बनाये गये कॉटेज में पहुंचे। उन्होंने वहां ठहरने वाले पर्यटकों की सुविधाओं की जानकारी ली। वन मंत्री पर्यटकों के भोजन व्यवस्था के लिये बनाये गये केंटिन भी पहुंचे।

वन मंत्री श्री अकबर को वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि केंटिन का संचालन महिला स्व-सहायता समूह द्वारा किया जाता है। वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने पर्यटकों के मनोरंजन की व्यवस्था के बारे में पूछा तो वन विभाग के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि इसके लिये सामने ही गार्डन बनाया गया है, जहां विभिन्न प्रकार के झूले आदि लगाये गये हैं। वन मंत्री ने इसका भी जायजा लिया।

वन मंत्री के निरीक्षण के दौरान अनुविभागीय अधिकारी (एसडीओ) श्री विनोद सिंह ठाकुर, रेंजर श्री पवन कुमार सिन्हा आदि उपस्थित थे।

बारनवापारा के रवान रेंज में पेड़ बनते ही कटने लगे रतनजोत

छत्तीसगढ़ की प्रमुख नदी महानदी के जलग्रहण क्षेत्र में स्थित बारनवापारा अभ्यारण्य 244.66 वर्ग किलोमीटर में फैला एक महत्वपूर्ण एवं रोमांचक पर्यटन स्थल है। यहां वन्य प्राणियों को स्वतंत्र विचरण करते हुए देखना बहुत ही आनंददायी अनुभव होता है। चहुंओर हरियाली एवं प्रदूषण मुक्त बारनवापारा में वर्ष भर तापमान बहुत सुखद होने के कारण पर्यटकों को यह अभ्यारण्य सभी मौसम में  अपनी ओर आकर्षित करता है।

बारनवापारा में मैमल्स (स्तनधारी) के 13 फैमिली के 21 प्रजाति के वन्यजीव पाए जाते है। मांसाहारी वन्य जीवों में मुख्यतः तेन्दुआ, सोनकुत्ता, लकड़बग्घा, लोमड़ी, सियार, भेड़िया, कबर बिज्जू आदि तथा शाकाहारी में गौर, सांभर नीलगाय, चीतल एवं सर्वभक्षी में भालू एवं पामसिवेट मुख्य आकर्षण है।

गौर बीवेड फैमिली का एक वृहद प्राणी है, जिसे आईयूसीएनके की विलुप्तप्राय श्रेणी में रखा गया है। बारनवापारा अभ्यारण्य में विशालकाय हाथी भी विचरण करते दिख जाते है।