छत्तीसगढ़: पंचायत सचिवों के हड़ताल से काम-काज प्रभावित 

प्रदेश पंचायत सचिव संगठन छत्तीसगढ़ के आह्वान पर पंचायत सचिव अपनी एक सूत्रीय मांग परीवीक्षा अवधि पश्चात शासकीयकरण को लेकर छत्तीसगढ़ के सभी ब्लॉक मुख्यालय में काम बंद कलम बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल में बैठ गए है.

0 195

- Advertisement -

पिथौरा| छत्तीसगढ़  प्रदेश पंचायत सचिव संगठन छत्तीसगढ़ के आह्वान पर पंचायत सचिव अपनी एक सूत्रीय मांग परीवीक्षा अवधि पश्चात शासकीयकरण को लेकर छत्तीसगढ़ के सभी ब्लॉक मुख्यालय में काम बंद कलम बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल में बैठ गए है. सचिवों के हड़ताल पर चले जाने से पूरे प्रदेश के 11644 पंचायत कार्यालय में ताला लटका हुआ है.

उक्त सम्बन्ध में पंचायत सचिव संघ के प्रदेश संरक्षक पूनीत सिन्हा ने बताया कि चुनाव के पूर्व कांग्रेस द्वारा अपने घोषणापत्र में शासकीय करण करने का वादा किया गया था. मुख्यमंत्री द्वारा उनके निवास में पंचायत सचिवों के प्रतिनिधि मंडल से 24 जनवरी 2020 को पंचायत सचिवों को दिसंबर 2021 तक शासकीय करण करने का आश्वासन पूर्व में हड़ताल के दौरान दिया था. पंचायत सचिव/शिक्षक सम्मेलन इंडोर स्टेडियम रायपुर में दिनांक 29 मार्च 2022 को मुख्यमंत्री द्वारा मंच से पंचायत सचिव का शासकीय करण करने हेतु घोषणा की गई थी.

इसके अलावा पंचायत मंत्री रविंद्र चौबे द्वारा भी 17 फरवरी 2023 को पंचायत सचिव के 70 से अधिक प्रतिनिधि मंडल के समक्ष शासकीयकरण आगामी बजट में पूर्ण करने हेतु आश्वस्त किया गया था, किन्तु छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 6 मार्च 2023 को प्रस्तुत बजट में पंचायत सचिवों शासकीयकरण का कोई प्रावधान नहीं होने के कारण 10568 पंचायत सचिव व उनके परिवार दुखी एवं आक्रोशित हैं. छ.ग.के 70 विद्यायक द्वारा भी पंचायत सचिवों को शासकीयकरण करने हेतु अनुशंसा किया गया है.

- Advertisement -

छ.ग. में कार्यरत पंचायत सचिव 29 विभाग अनेकों कार्य को जमीनी स्तर पर पूर्ण ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करते हुए,राज्य शासन एवं केंद्र शासन के समस्त योजनाओं को लोकतंत्र के अंतिम व्यक्ति तक पहुचाने का अतिमहत्वपूर्ण कार्य को करते आ रहे है. राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजना जैसे गोधन न्याय योजना,(नरवा,गरूआ,घुरवा,बाड़ी),राजीव गांधी किसान न्याय योजना,राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना,मनरेगा,प्रधानमंत्री आवास,पेंशन,सहित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओ का जिम्मेदारी पूर्वक निर्वहन करते आ रहे है.

छ.ग.में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यस्था जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत स्तर में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी शासकीय सेवक है,परन्तु पंचायती राज की बुनियाद आधार स्तंभ ग्राम पंचायत में कार्यरत पंचायत सचिव 27 वर्ष नियमित होने के बाद भी शासकीय सेवक नही है. सचिवों के साथ नियुक्त अन्य विभाग के कर्मचारी जैसे शिक्षाकर्मी/वनकर्मी/लोकनिर्माण विभाग के कर्मी को शासकीयकरण कर दिया गया है परंतु सचिवों को शासकीयकरण से वंचित है.

प्रदेश में कार्यरत 10568 पंचायत सचिव में से 15 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके 7184 पंचायत सचिवों को शासकीयकरण का वेतनमान 5200-20200 ग्रेड 2400 मिल रहा है एवं 15 वर्ष के कम सेवावधि वाले पंचायत सचिव जिनकी संख्या 3384 को 3500-10000 ग्रेड 1100 का वेतनमान मिल रहा है।राज्य सरकार के कर्मचारी/शासकीय कर्मचारी नही होने से शासकीय सेवक की भांति अन्य सुविधा जैसे ओपीएस,चिकित्सा भत्ता, अर्जित अवकाश,टी ए,क्रमोन्नति-पद्दोन्नति,बीमा,ग्रेजयुटी से वंचित है. परिवीक्षा अवधि पश्चात सचिवों के शासकीयकरण करने से वार्षिक वित्तीय भार 75 करोड़ मात्र आएगा. किन्तु शासन प्रशासन दुवारा मांगो पर किसी भी प्रकार से विचार नहीं किया गया जिसके कारण पूरे प्रदेश में पंचायत सचिव आन्दोलन रत हैं .

Leave A Reply

Your email address will not be published.