लाखागढ़ पटवारी पर आबादी भूमि को कृषि भूमि में बदलने का आरोप

समीप के ग्राम लाखागढ़ बस्ती के अंदर आबादी भूमि को रिकॉर्ड में कृषि भूमि बनाने का कमाल लाखागढ़ हल्का के पटवारी ने कर दिखाया है. लाखागढ़ के पूर्व प्रभारी सरपंच वेदराम कोसरिया ने आरोप लगाते हुए बताया कि उक्त भूमि आबादी है.जिसकी रजिस्ट्री नही हो सकती.

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पिथौरा| समीप के ग्राम लाखागढ़ बस्ती के अंदर आबादी भूमि को रिकॉर्ड में कृषि भूमि बनाने का कमाल लाखागढ़ हल्का के पटवारी ने कर दिखाया है. लाखागढ़ के पूर्व प्रभारी सरपंच वेदराम कोसरिया ने आरोप लगाते हुए बताया कि उक्त भूमि आबादी है.जिसकी रजिस्ट्री नही हो सकती.

श्री कोसरिया ने बताया कि उक्त भूमि मात्र प्लाट है.परन्तु पटवारी द्वारा रिकॉर्ड में हेराफेरी करते हुए उक्त भूमि पर भवन बता कर मलवा की रजिस्ट्री करवा दी गयी है.अब उसी भूमि को पटवारी द्वारा सरकारी रिकॉर्ड में पुनः हेरफेर करते हुए उसे कृषि भूमि बता दिया गया है.वह भी रजिस्ट्री करवाने वाले के नाम से नही बल्कि उसके पारिवारिक सदस्यों के नाम से की गई.

 उक्त मामले में पटवारी भीम साहू का पक्ष जानने का प्रयास किया गया परन्तु पटवारी हड़ताल के कारण उनसे चर्चा नही हो पायी.

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श्री कोसरिया के मुताबिक क्षेत्र में सरकारी भूमि की बंदरबांट लगातार जारी है.सरकारी जमीन के दस्तावेज बनाने के लिए खासकर पटवारी प्रतिदिन नए नए प्रयोग कर अपनी जेबें भर रहे है.इस बार लाखागढ़ बस्ती के अंदर का एक मामला सामने आया है.इस मामले में पटवारी ने खसरा नम्बर 1050/6 को पहले आबादी बता कर उस पर मकान निर्माण का नक्शा देकर उक्त जमीन पर कथित रूप से बने मकान की रजिस्ट्री करवा दी.

अब रजिस्ट्री के बाद उसी जमीन की भी रजिस्ट्री करवाने के लिए बस्ती के बीच की 0.0308 रकबा को कृषि भूमि बता कर रजिस्ट्री हेतु दस्तावेज दे दिए गए है. पटवारी एवम जमीन कब्जाधारी की उक्त हरकत को देखते हुए ग्राम लाखागढ़ के पूर्व उपसरपंच बेदराम कोसरिया ने इस मामले की शिकायत तहसीलदार एवम कलेक्टर से करते हुए आरोपियों पर कठोर कार्यवाही की मांग की है.

deshdigital के लिए रजिंदर खनूजा

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