अफसर ने एक दिन बाद आख़िरकार अनशन तोड़ा

छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में अपने ही विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल अपने घर में अनशन पर बैठने वाले अफसर ने एक दिन बाद आख़िरकार अनशन तोड़ दिया|  महिला एवं बाल विकास अधिकारी सुधाकर बोदले   ने संचालक महिला एवं बाल विकास श्रीमती दिव्या मिश्रा और कलेक्टर डोमन सिंह के समक्ष अनशन समाप्त किया।

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महासमुंद। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में अपने ही विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल अपने घर में अनशन पर बैठने वाले अफसर ने एक दिन बाद आख़िरकार अनशन तोड़ दिया|  महिला एवं बाल विकास अधिकारी सुधाकर बोदले   ने संचालक महिला एवं बाल विकास श्रीमती दिव्या मिश्रा और कलेक्टर डोमन सिंह के समक्ष अनशन समाप्त किया। श्रीमती मिश्रा ने कलेक्टर के कक्ष में उन्हें लस्सी पिलाई।

इस अफसर की इस गांधीगिरी से प्रशासन में हडकंप मच गया था| भाजपा ने भी इसे लेकर मोर्चा खोल लिया था वहीँ सोशल मिडिया पर इसकी जमकर चर्चा होती रही |

महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री बोदले बीते रविवार को अपने निवास पर रेडी-टू-ईट वितरण योजना में अनियमितता एवं मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 टेण्डर प्रक्रिया की शिकायत को लेकर अनशन पर बैठे थे।

संचालक महिला एवं बाल विकास श्रीमती दिव्या मिश्रा ने सोमवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि महिला एवं बाल विकास अधिकारी शिकायत बिन्दुओं की गठित जांच दल द्वारा सोमवार को महासमुंद परियोजना ग्रामीण की जांच की गई।

प्रथम दृष्टया रेडी-टू-ईट गुणवत्तापूर्ण नहीं पाए जाने पर प्रगति महिला स्व-सहायता समूह बरोंडाबाजार एवं एकता महिला स्व-सहायता समूह लभराखुर्द को बर्खास्त किया गया तथा संबंधित सेक्टर के दो पर्यवेक्षक श्रीमती शशि जायसवाल बरोंडाबाजार एवं श्रीमती दीपमाला तारक लभराखुर्द को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजनांतर्गत वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 के क्रय में प्रथम दृष्टया में अनियमितता परिलक्षित हो रही है। फलस्वरूप वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 का संबंधित भुगतान पर रोक लगा दी गई है। प्रकरण की जांच पूर्ण होने पर दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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