महासमुंद ज़िले के 152 उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी 1 नवंबर से

पूरे छत्तीसगढ़ सहित महासमुंद ज़िले के सभी 152 धान उपार्जन केंद्रों में खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में समर्थन मूल्य पर किसानों से धान की खरीदी आगामी 1 नवंबर से शुरुआत हो जाएगी. गुरुवार को 120 उपार्जन केन्द्रो ने धान उपार्जन का ट्रायल रन किया गया.

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महासमुंद | पूरे छत्तीसगढ़ सहित महासमुंद ज़िले के सभी 152 धान उपार्जन केंद्रों में खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में समर्थन मूल्य पर किसानों से धान की खरीदी आगामी 1 नवंबर से शुरुआत हो जाएगी. गुरुवार को 120 उपार्जन केन्द्रो ने धान उपार्जन का ट्रायल रन किया गया. पिछले ख़रीफ़ वर्ष में 77 लाख क्विंटल से अधिक धान ख़रीदा गया था. इस चालू ख़रीफ़ वर्ष में 86 लाख क्विंटल से अधिक धान ख़रीदी का लक्ष्य है.
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि जिले की सारी समितियों द्वारा समर्थन मूल्य पर धान का उपार्जन किया जाना है, खरीदी केन्द्रों में धान खरीदी की पूरी तैयारी एवं समुचित व्यवस्था पूरी कर ली गयी है. धान खरीदी एवं नियंत्रण वार्जित धान के भुगतान हेतु आवश्यक बारदाने एवं परिवहन आदि सुनिश्चित किए गए है. धान खरीदी केन्द्र के लिये अधिकारियों को खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन की प्रक्रिया की समाप्ति तक उपार्जन केन्द्र अधिकारी नियुक्त किए गए है. नोडल अधिकारी प्रतिदिन उपार्जन केन्द्र में उपस्थित होकर दायित्वो एवं समय-समय द्वारा दिये गये निर्देशो का पालन सुनिश्चित करेंगे.

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  • 120 उपार्जन केंद्रों ने किया धान उपार्जन का ट्रायल रन
  • अब तक धान बेचने 5000 हज़ार नवीन किसानों ने पंजीयन कराया 
  • लगभग 4600 हेक्टेयर रक़बा बढ़ा

किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी किये जाने के लिए गत वर्ष पंजीकृत किसानों को कैरी फारवर्ड एवं डाटा अद्यतन कर तथा नवीन किसानों का पंजीयन कर धान की खरीदी की जाएगी. किसान पंजीयन का कार्य कृषि विभाग के एकीकृत किसान पोर्टल के माध्यम दिनांक 31 अक्टूबर 2022 तक किया जाएगा. खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में 150220 किसान पंजीकृत थे। अभी तक लगभग 5000 हज़ार नये किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है. गत ख़रीफ़ सीजन में 220497 रक़बा था।अब 4428 हेक्टेयर रक़बा बढ़ा है. वही ज़िले में खरीफ सीजन 2020-21 में जिले के एक लाख 40 हजार किसानों ने धान विक्रय हेतु सहकारी समितियों में पंजीयन कराया हैं. जिनका कुल रकबा 02 लाख 11 हजार हेक्टेयर से अधिक था.

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