एलपीजी मूल्य वृद्धि पर बीजद ने मोदी सरकार पर साधा निशाना

ओडिशा के बीजू जनता दल (बीजद) ने देश में एलपीजी की कीमत में 50 रुपये की बढ़ोतरी के केंद्र के फैसले के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पर निशाना साधा है।

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भुवनेश्वर। ओडिशा के बीजू जनता दल (बीजद) ने देश में एलपीजी की कीमत में 50 रुपये की बढ़ोतरी के केंद्र के फैसले के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। बीजद विधायक सौम्य रंजन पटनायक ने गुरुवार को यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कि 2014 में भाजपा के सत्ता में आने से पहले पीएम मोदी के प्रसिद्ध नारे ‘सबका साथ, सबका विकास’ और केंद्र की ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ (पीएमयूवाई) को याद कराया।

पटनायक ने कहा कि हम कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए केंद्र के लगभग सभी फैसलों का समर्थन करते रहे हैं। लेकिन, हम इस एलपीजी मूल्य वृद्धि के फैसले का समर्थन नहीं सकते हैं। पीएम मोदी की उज्जवला योजना, जिसका उद्देश्य देश भर में महिलाओं और बच्चों को स्वच्छ खाना पकाने का ईंधन प्रदान करके उनके स्वास्थ्य की रक्षा करना है, ने सभी राजनीतिक दलों के दिलों को छू लिया है। उन्होंने योजना के माध्यम से गरीब घरों में गैस सिलेंडर वितरण की व्यवस्था में सुधार किया था। एक मील का पत्थर हासिल करने के बाद, एलपीजी की कीमतों में बढ़ोतरी ने हर घर को निराश किया है।

 पहले केवल 21 लाख घरों में एलपीजी कनेक्शन वाले उपभोक्ता थे। लेकिन मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के कार्यान्वयन के साथ, परिवारों की संख्या बढ़कर 88 लाख से अधिक हो गई, जो लगभग चार गुना अधिक है। पहले केवल 20 प्रतिशत घरों में गैस कनेक्शन था, जबकि अब यह प्रतिशत बढ़कर 80 हो गया है। बीजद ने कहा कि इस योजना ने लगभग सभी परिवारों को गहराई से प्रभावित किया है।

 2014 में एलपीजी की कीमत 410 रुपये थी। एलपीजी की कीमत में 50 रुपये की बढ़ोतरी के साथ, अब यह 1100 रुपये से अधिक हो गई है। पटनायक ने कहा कि पिछले 8-9 वर्षों में कीमत तीन गुना बढ़ गई है, जिससे आम लोगों पर अतिरिक्त बोझ पड़ा है।

 पार्टी के वरिष्ठ नेता ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) को बंद करने के फैसले के लिए केंद्र की आलोचना की, जिसके तहत गरीब लाभार्थियों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत 5 किलो चावल के अलावा प्रति व्यक्ति 5 किलो अतिरिक्त मुफ्त चावल प्रदान किया गया था।

 पटनायक ने कहा कि एलपीजी बढ़ोतरी के फैसले से पहले मोदी सरकार ने एक और फैसला लिया था, जिसका बीजद ने विरोध किया था और पार्टी ने अपना बयान स्पष्ट कर दिया था। कोविड महामारी के दौरान होने वाली असुविधाओं को ध्यान में रखते हुए पीडीएस प्रणाली के तहत गरीब हितग्राहियों को अतिरिक्त 5 किलो मुफ्त चावल देने का प्रावधान था लेकिन, इस साल एक जनवरी से यह योजना बंद कर दी गई है। ऐसा लगता है कि पीएम मोदी गरीब लोगों का कल्याण नहीं चाहते हैं।

उन्होंने पूछ कि गरीब लोगों के लिए चावल कम करके और एलपीजी की कीमत बढ़ाकर पीएम मोदी क्या संदेश दे रहे हैं? बीजद केंद्र सरकार की इस गरीब विरोधी नीति का पुरजोर विरोध करता है। हैरानी की बात यह है कि एलपीजी की कीमतों में बढ़ोतरी पर प्रदेश भाजपा चुप है। महत्वपूर्ण मुद्दों पर चुप्पी साधे रखने की आदत राज्य में राष्ट्रीय पार्टी का हथियार बन गई है।

 यह पूछे जाने पर कि क्या बीजद एलपीजी मूल्य वृद्धि पर केंद्र के फैसले के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू करेगी, उन्होंने कहा, बीजद खुद एक ‘जन आंदोलन’ है। हम हर घर में हैं और सबके दिल में हैं। यह चुनावों से साबित हो चुका है। विरोध का मतलब यह नहीं है कि हम बैनर लेकर सड़कों पर उतरेंगे और नारे लगाएंगे। जैसा कि पार्टी राज्य में हर जगह मौजूद है, आंदोलन हर घर में है। इस प्रेस कांफ्रेंस में बीजेडी प्रवक्ता श्रीमयी मिश्रा भी मौजूद थीं।

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