इन्दिरा गांधी ने सबसे पहले अल्पसंख्यकों पर चलवाया था बुलडोजर: भाजपा
भारत में इन्दिरा गांधी ने सबसे पहले तुर्कमान गेट पर अल्पसंख्यकों पर बुलडोजर के इस्तेमाल का आदेश दिया था। भाजपा के आईटी प्रभारी अमित मालवीय ने एक तस्वीर के साथ ट्विट किया है|
भारत में इन्दिरा गांधी ने सबसे पहले तुर्कमान गेट पर अल्पसंख्यकों पर बुलडोजर के इस्तेमाल का आदेश दिया था। भाजपा के आईटी प्रभारी अमित मालवीय ने एक तस्वीर के साथ ट्विट किया है|
बता दें सोशल मीडिया इन दिनों देश में बुलडोजर के इस्तेमाल पर बहस से भरा पड़ा है | तमाम दलों के आरोप –प्रत्यारोप जारी हैं|
इस जुबानी जंग में आज रविवार को कांग्रेस पर पलटवार करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रभारी अमित मालवीय ने कहा कि क्या कांग्रेस पार्टी में मनीष तिवारी से लेकर राहुल गांधी तक हर कोई भूलने की बीमारी से पीड़ित है या क्या उन्हें अपने बारे में केवल गलत जानकारी है। नाजियों और यहूदियों को भूल जाइए, भारत में इन्दिरा गांधी ने सबसे पहले तुर्कमान गेट पर अल्पसंख्यकों पर बुलडोजर के इस्तेमाल का आदेश दिया था।
In April 1976, during Emergency, Sanjay Gandhi, son of Indira Gandhi, forced Muslim men and women, to undergo forced sterilisation. When they protested, bulldozers were rolled in at Turkman Gate. 20 people died.
Congress’s romanticism with the Nazis should stop at Indira Gandhi. https://t.co/lz99puC066
— Amit Malviya (@amitmalviya) May 8, 2022
अप्रैल 1976 में, आपातकाल के दौरान, इंदिरा गांधी के पुत्र संजय गांधी ने मुस्लिम पुरुषों और महिलाओं को जबरन नसबंदी कराने के लिए मजबूर किया था। जब उन्होंने विरोध किया, तो तुर्कमान गेट पर बुलडोजर चलाए गए, जिसमें 20 लोगों की मौत हो गई थी।
बता दें आज रविवार को ही पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने ट्विटर पर उनके द्वारा लिखे गए एक लेख को साझा किया, और कहा कि नाजी ने यहूदियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर बुलडोजर तैनात किया था।
The Nazi’s deployed the Bulldozer extensively against the Jews. The Jews then used it against the Palestinians. The Indian state is now using it against it’s own minorities.
My Take :@TheAsianAgeNews @DeccanChronicle pic.twitter.com/UQC6U8SLdV— Manish Tewari (@ManishTewari) May 8, 2022
यहूदियों ने तब इसका इस्तेमाल फिलिस्तीनियों के खिलाफ किया था। भारतीय राज्य अब अपने अल्पसंख्यकों के खिलाफ इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। (deshdesk)