देश की सुरक्षा व्यवस्था को खतरे में डाल रही मोदी सरकार: द्वारिकाधीश यादव
केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का संसदीय सचिव एवम विधायक द्वारिकाधीश यादव ने विरोध कर इसे युवाओं के हित में वापस लेने की मांग की है।
पिथौरा| केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का संसदीय सचिव एवम विधायक द्वारिकाधीश यादव ने विरोध कर इसे युवाओं के हित में वापस लेने की मांग की है। ज्ञात हो कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार अग्निपथ जैसी योजना लाकर देश की रक्षा में अपना सर्वस्व निछावर करने वाले सैनिकों को पेंशन से वंचित करना चाहती है साथ ही वह तीन कृषि काले कानूनों की तरह देश के चंद उद्योगपतियों को लाभ देना चाहती है।
श्री यादव ने एक लिखित बयान जारी करते हुए कहा है कि जिस तरह देश की सुरक्षा में लगे हमारे वीर सैनिकों के सामने भाजपा सरकार अग्निपथ योजना ला रही है।उससे भविष्य में देश की सुरक्षा व्यवस्था खतरे में पड़ सकती है साथ ही देश में अस्थिरता भी बढ़ेगी।
श्री यादव ने बताया कि अग्निपथ जैसी कोई भी योजना ना पहले केंद्र सरकार के द्वारा लाई गई है और ना ही इस पर कोई पायलट प्रोजेक्ट हुआ है।पूरा विश्व जानता है कि हमारे देश की सेना कितनी मजबूत है और उन्हें जो भी जिम्मेदारी सौंपी जाती है , हमारे शूरवीर सैनिक उसे पूरी शिद्दत से पूरा करते हैं।
चाहे कारगिल हो जम्मू कश्मीर हो या फिर नॉर्थ ईस्ट हो या चीन के साथ की दुर्गम परिस्थितियां हो। सेना हमारी सबसे बड़ी ताकत है वह एक सैनिक है एक शहर है एक एयर मैन है लेकिन केंद्र सरकार आज उसे बदल रही है। केंद्र सरकार ने भर्ती का मापदंड तो वही रखा लेकिन सेवा की शर्तों में वह बदलाव ला रही है और हमारे सैनिकों को नौकरी से सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाली पेंशन से वंचित करते हुए अपना पैसा बचाने के चक्कर में देश की सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए तैयार है। जिसके कारण देश के विभिन्न राज्यों में सेना की तैयारी करने वाला युवा वर्ग इस अग्निपथ योजना का खुलकर विरोध कर रहे हैं। और मोदी सरकार की गलतियों के चलते देश में अस्थिरता का माहौल भी बन रहा है।
उन्होंने कहा कि फौज में जाने के लिए युवक पहले 2 से 3 साल तक की तैयारी करके फौज में भर्ती हो जाता था और सोचता था कि मैं जिंदगी भर यहां रहूंगा देश के लिए लड़ सकूंगा लेकिन 2 से 3 साल की तैयारी से मिलने वाली नौकरी उसके पास केवल 4 साल की रहेगी इसलिए वह फौज में क्यों? दूसरी सरकारी नौकरी में जाने की सोचेगा जिससे हमें बेहतर जवान नहीं मिल पाएंगे।
भाजपा के द्वारा देश की सुरक्षा व्यवस्था से इस प्रकार का समझौता किया जाना सरासर गलत है, राष्ट्रवीरों का अपमान है।मोदी सरकार अग्निपथ योजना लाकर सैनिकों का हक मारने में लगी हुई है और इस स्कीम के तहत केवल भारतीय सैनिकों की तनख्वाह, पेंशन स्वास्थ्य सुविधाएं, कैंटीन सुविधाओं आदि में कटौती ही होगी, उन्हें इस नई योजना से कोई लाभ नहीं मिलेगा।केंद्र सरकार को चाहिए कि वह इस प्रकार सैनिक विरोधी अग्निपथ जैसी घातक योजनाओं को वापस लेते हुए नियमित भर्ती करें ताकि देश की सीमाओं में सब कुछ त्याग कर सजग रहने वाले प्रहरियों को उनका हक मिल सके।
निजी सिक्योरिटी गार्ड बनाने की बात करना शर्मनाक
दूसरी ओर देश भर में यूआओ के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए अग्निवीर के तहत भर्ती हुए सैनिकों के रिटायरमेंट के बाद उन्हें बीजेपी ऑफिस में सिक्योरिटी पर रखने में प्राथमिकता देने के कैलाश विजयवर्गीय के बयान पर पलटवार करते हुए श्री यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के सर पर सत्ता का गुरुर इतना ऊपर चढ़कर बोल रहा है कि वह हमारे सैनिकों को अपने बीजेपी ऑफिस में नौकरी में रखने की बात कह रहे हैं जो कि हमारी सेना के सैनिकों का अपमान है।
क्या देश की रक्षा करने वाले सैनिकों का सम्मान इतना छोटा है? कि वह बीजेपी जैसी के नाम पर सियासत करने वाली पार्टी के दफ्तर पर रिटायर होने के बाद नौकरी बजाएंगे। राष्ट्र के सीमारक्षकों का इतना बड़ा अपमान देश कभी सहन नहीं करेगा। और भविष्य में देश की जनता बीजेपी से इसका हिसाब जरूर लेगी।