पटना| बिहार के पटना हाईकोर्ट ने सजायाफ्ता कैदी को पिता बनने 15 दिनों के पेरोल पर रिहा किया है| दोषी की पत्नी ने पैरोल के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी। पत्नी माँ बनना चाहती है ताकि वंश वृद्धि हो सके|
पटना हाईकोर्ट ने नालंदा जिला न्यायालय को वर्ष 2012 से उम्रकैद की सजा काट रहे युवक को पत्नी के गर्भ धारण के लिए पैरोल पर रिहा करने का आदेश दिया है।
बताया गया कि युवक नालंदा जिले के रहुई के उत्तरनावां निवासी विक्की आनंद को हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा मिली थी।
जेल में कैद बंदियों के हितों की रक्षा, उनके कानूनी अधिकार के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार नालंदा द्वारा नियुक्त जेल विजिटर अधिवक्ता देवेंद्र शर्मा की सलाह पर दायर याचिका पर कोर्ट ने यह फैसला दिया है।
मामला 2012 का है। बताया गया कि कैदी विक्की ने अपनी प्रेमिका की घर में बुलाकर हत्या कर दी थी। हत्या जिला कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी। तब से वह जेल में था।
वर्ष 2019 में विक्की की पत्नी रंजीता पटेल ने पटना हाईकोर्ट में संतानोत्पत्ति के लिए पति को पैरोल पर छोड़ने के लिए याचिका दायर की थी। उसने दलील दी थी कि वह नि:संतान है और मां बनना उसका अधिकार है। इस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। सुनवाई में सजायाफ्ता की पत्नी रंजीता ने बच्चे पैदा करने के लिए कोर्ट में दलील दी थी।
पटना हाईकोर्ट ने पत्नी रंजीता की दलील सुनने के बाद उसके सजायाफ्ता पति को सन्तानोपत्ति के लिए 15 दिन के पैरोल पर रिहा करने का आदेश दिया है।
बिहार में सन्तानोपत्ति के लिए पैरोल रिहाई का यह पहला आदेश माना जा रहा है।