इस गाँव में दुल्हे की बहन करती है भाभी से शादी

भारत में शादी की रश्मो-रिवाज तरह-तरह के सामने आते हैं | गुजरात के छोटा उदेपुर जिले के आदिवासी बाहुल्य तीन गाँव ऐसे हैं जहाँ ननद होने वाली भाभी से शादी करती हैं |

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भारत में शादी की रश्मो-रिवाज तरह-तरह के सामने आते हैं | गुजरात के छोटा उदेपुर जिले के आदिवासी बाहुल्य तीन गाँव ऐसे हैं जहाँ दूल्हे की बहन यानि ननद अपनी होने वाली भाभी से शादी करती हैं | दुल्हन लाकर अपने भाई को सौंप देती हैं |

 मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात के छोटा उदेपुर जिले के  के तीन गांव सनाडा, सूरखेड़ा और अंबाला ऐसे हैं, जहां शादी की रस्में अलग तरह से निभाई जाती हैं। यहां दूल्हा कभी शादी करने नहीं जाता बल्कि, उसकी बहन दूल्हा बनकर जाती है। अपने होने वाली भाभी के साथ शादी करती है और विदा करके घर ले आती है। इसके बाद वह अपनी भाभी को भाई के हाथ में सौंप देती है।

इस तरह की घटना  हाल ही में उदेपुर जिले के अंबाला गांव में सामने आई | यहाँ के  हरिसिंग रायसिंग राठवा नामक व्यक्ति के बेटे नरेश की शादी फेरकुवा गांव में बजलिया हिमंता राठवा की बेटी से तय हुई थी।

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नरेश के मुताबिक  उनके आराध्य देव की वजह से यह रस्म कई दशकों से चली आ रही है तो लड़की वाले आधुनिकता को छोड़ परंपरागत तरीके से शादी करने  को तैयार हो गए।

हरिसिंग ने   बताया कि बीच में तीन परिवारों ने परंपरा छोड़कर नए तरीके से शादी की, मगर किन्हीं वजहों से बाद में तीनों लड़कों की मौत हो गई। इसलिए पूरा गांव पुरानी परंपरा से विवाह की रस्म निभाने लगे।

आदिवासी  बाहुल्य  इस गाँव के लोग भरमादेव को अपना आराध्य मानते हैं। मान्यता है कि भरमादेव कुंवारे हैं, इसलिए ये आदिवासी भी लड़के की बरात नहीं ले जाते।   अगर ऐसा किया तो आराध्य देव की नाराजगी झेलनी होगी। इसलिए वे दूल्हे ही जगह उसकी बहन को शादी करने के लिए भेजते हैं।

बहन बारात लेकर जाती है। सात फेरे लेकर सभी जरूरी रस्म पूरी करती है और विदा करके अपनी भाभी को घर ले आती है।  (deshdesk)

 

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