प्रसिद्ध गायक प्रतुल मुखोपाध्याय का 82 वर्ष की उम्र में निधन
महज 12 साल की उम्र में, उन्होंने मंगलाचरण चट्टोपाध्याय द्वारा लिखित एक लोक गीत की धुन तैयार की थी. बांग्ला भाषा के प्रति उनका प्रेम उनके गीत 'आमी बांग्लाई गान गाई' (मैं बांग्ला में गाता हूं) में साफ झलकता है.
मुंबई । प्रसिद्ध गायक और संगीत निर्देशक प्रतुल मुखोपाध्याय का शनिवार को कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में वृद्धावस्था संबंधी बीमारियों के कारण निधन हो गया. वह 82 वर्ष के थे. मुखोपाध्याय को कोलकाता के एस.एस.के.एम. मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां वह काफी समय से इलाज करा रहे थे. उनके इलाज के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया था. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गायक के लिए सर्वोत्तम इलाज सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत पहल की थी और हाल ही में उनकी सेहत का हाल जानने के लिए एस.एस.के.एम. अस्पताल पहुंची थीं.
हालांकि, डॉक्टरों की सभी कोशिशों के बावजूद मुखोपाध्याय को बचाया नहीं जा सका और उन्होंने शनिवार सुबह 10 बजे अस्पताल में अंतिम सांस ली. दिलचस्प बात यह है कि मुखोपाध्याय का निधन उसी दिन हुआ है, जब राज्य के संगीत जगत की दो अन्य महान हस्तियों, संध्या मुखोपाध्याय और बप्पी लाहिड़ी की पुण्यतिथि भी है.
प्रतुल मुखोपाध्याय का जन्म 25 जून, 1942 को अविभाजित बंगाल के बरिसाल (अब बांग्लादेश में) में हुआ था. उनके पिता एक स्कूल शिक्षक थे. विभाजन के बाद, उनका परिवार पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के चिनसुराह में आकर बस गया, जहां उन्होंने अपना बचपन बिताया. बचपन से ही उनका झुकाव संगीत की ओर था. महज 12 साल की उम्र में, उन्होंने मंगलाचरण चट्टोपाध्याय द्वारा लिखित एक लोक गीत की धुन तैयार की थी. बांग्ला भाषा के प्रति उनका प्रेम उनके गीत ‘आमी बांग्लाई गान गाई’ (मैं बांग्ला में गाता हूं) में साफ झलकता है. लोक संगीत के प्रति उनका जुनून ‘आमी धान काटार गान गाई’ (मैं धान काटने का गीत गाता हूं) जैसे गीतों में देखा जा सकता है.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुखोपाध्याय के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, “मैं कुछ दिन पहले अस्पताल में उनसे मिली थी, जहां उन्हें भर्ती कराया गया था. उनका निधन पश्चिम बंगाल के संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है. मैं प्रतुल मुखोपाध्याय के परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं.”