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कविता

मौन होकर भी मुखर हो तुम, प्रथम स्पर्श प्यार हो तुम

नारी को सम्मान देने आज दुनिया महिला दिवस मना रही है , पर आप सोचें  जीवन का हर पल उसके बिना  संभव नहीं तुम  शब्द में जैसे अर्थ हो तुम गीतों में नाजुक बन्ध हो तुम सरगम की इक-इक लय…
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