छत्तीसगढ़ के 2 पॉवर प्लांटों में स्थिति क्रिटिकल, सीएम भूपेश बघेल ने ली बैठक

देश भर में कोयला संकट के बीच छत्तीसगढ़ के 2 थर्मल पॉवर प्लांटों में स्थिति क्रिटिकल है  | इन प्लांटों में 3.8 दिन और 3.2 दिन का कोयला है | चूंकि छत्तीसगढ़ से कोयले का उत्पादन किया जा रहा है, इसलिए इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा |

0 25

- Advertisement -

रायपुर| देश भर में कोयला संकट के बीच छत्तीसगढ़ के 2 थर्मल पॉवर प्लांटों में स्थिति क्रिटिकल है  | इन प्लांटों में 3.8 दिन और 3.2 दिन का कोयला है | चूंकि छत्तीसगढ़ से कोयले का उत्पादन किया जा रहा है, इसलिए इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा | वहीँ  एसईसीएल  प्रतिदिन की आपूर्ति बढ़ा रहा है | सीएम भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में प्रदेश के थर्मल पॉवर प्लांटों में कोयले की आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति की समीक्षा की|

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ के पॉवर प्लांटों के लिए एसईसीएल द्वारा प्रतिदिन 29 हजार 500 मेट्रिक टन कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। एसईसीएल के सीएमडी ने इसके लिए सहमति दी है।

छत्तीसगढ़ के ताप विद्युत संयंत्रों में कोयले की आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति की समीक्षा के दौरान एसईसीएल के सीएमडी से कहा कि छत्तीसगढ़ की खदानों से कोयला निकालकर छत्तीसगढ़ सहित देश के अन्य राज्यों को कोयले की आपूर्ति की जाती है। चूंकि छत्तीसगढ़ से कोयले का उत्पादन किया जा रहा है, इसलिए एसईसीएल द्वारा प्राथमिकता के आधार पर छत्तीसगढ़ के ताप विद्युत संयंत्रों को उनकी आवश्यकता के अनुसार अच्छी गुणवत्ता के कोयले की सप्लाई की जानी चाहिए।

बैठक में एसईसीएल के सीएमडी ने कहा ,छत्तीसगढ़ को प्रतिदिन प्रदेश के ताप विद्युत संयंत्रों की आवश्यकता के अनुरूप 29 हजार 500 मेट्रिक टन कोयले की सप्लाई की जाएगी।  वर्तमान में एसईसीएल द्वारा छत्तीसगढ़ को 23 हजार 290 मेट्रिक टन कोयले की आपूर्ति की जा रही है।

- Advertisement -

मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि रेल्वे द्वारा छत्तीसगढ़ को कोयले और चावल के लिए आवश्यकतानुसार पर्याप्त संख्या में रेल्वे रेक उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। जिस पर दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे के जीएम ने इसके लिए सहमति दी।

बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कम्पनियों के अध्यक्ष एवं विशेष सचिव ऊर्जा श्री अंकित आनंद ने जानकारी दी कि वर्तमान में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप विद्युत संयंत्र कोरबा ईस्ट में 3.8 दिवस का कोयला उपलब्ध है। इसी तरह हसदेव ताप विद्युत संयंत्र में कोरबा वेस्ट में 3.2 दिवस का कोयला तथा मड़वा ताप विद्युत संयंत्र में 7 दिनों की आवश्यकता का कोयला उपलब्ध है। केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण मानक के अनुसार 5 दिनों की आवश्यकता से कम कोयले की उपलब्धता को क्रिटिकल स्थिति माना जाता है।

छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कम्पनियों के अध्यक्ष एवं विशेष सचिव ऊर्जा श्री आनंद ने बैठक में बताया कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। वर्तमान में प्रदेश की बिजली की औसत डिमांड 3803 मेगावाट है, जिसके विरूद्ध बिजली की उपलब्धता 3810 मेगावाट है। प्रदेश में पीक समय में विद्युत की औसत डिमांड 4123 मेगावाट है, जिसके विरूद्ध बिजली कम्पनी द्वारा 4123 मेगावाट बिजली की औसत उपलब्धता बनाई रखी जा रही है। पीक समय में आवश्यकतानुसार 200 से 400 मेगावाट विद्युत क्रय लगातार किया जा रहा है।

उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में एनटीपीसी की लारा (400 मेगावाट) एवं सीपत यूनिट (104 मेगावाट) तथा एनएसपीएल संयंत्र (25 मेगावाट) वार्षिक रखरखाव के कारण बंद है। इस कारण कुल 529 मेगावाट बिजली कम प्राप्त हो रही है। एनटीपीसी की लारा यूनिट 12 अक्टूबर से प्रारंभ होने की संभावना है। इस यूनिट के प्रारंभ होने पर एक्सचेंज से विद्युत क्रय की स्थिति लगभग नहीं रहेगी। एनटीपीसी सीपत संयंत्र 21 अक्टूबर तक प्रारंभ होने की संभावना है।

 

बैठक में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कम्पनियों के अध्यक्ष एवं विशेष सचिव ऊर्जा श्री अंकित आनंद, एसईसीएल के सीएमडी श्री अंबिका प्रसाद पंडा और दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे के जीएम श्री आलोक कुमार सहित राज्य विद्युत कम्पनियों के प्रबंध निदेशक उपस्थित थे।

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.