NIA कोर्ट ने नक्सल लेनदेन मामले में सोनी सोरी समेत सभी 4 आरोपी को किया दोषमुक्त

छत्तीसगढ़ के बस्तर में कार्यरत सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी , उनके भतीजे लिंगाराम कोड़ोपी, ठेकेदार बीके लाल और एस्सार महाप्रबंधक डीवीसीएस वर्मा को NIA की विशेष अदालत ने नक्सल लेनदेन मामले में दोषमुक्त कर दिया है |

0 124

- Advertisement -

 जगदलपुर । छत्तीसगढ़ के बस्तर में कार्यरत सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी , उनके भतीजे लिंगाराम कोड़ोपी, ठेकेदार बीके लाल और एस्सार महाप्रबंधक डीवीसीएस वर्मा को NIA की विशेष अदालत ने नक्सल लेनदेन मामले में दोषमुक्त कर दिया है |

छत्तीसगढ़ के दंतेवाडा जिले में वर्ष  2011 में एस्सार और नक्सलियों  के बीच कथित पैसे की लेन-देन को लेकर में पुलिस ने सोनी सोढ़ी समेत उनके भतीजे लिंगाराम कोड़ोपी, ठेकेदार बीके लाल और एस्सार महाप्रबंधक डीवीसीएस वर्मा को आरोपी बनाया था।

पुलिस इनके खिलाफ कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर सकी, जिसके बाद कोर्ट ने सभी को दोषमुक्त कर दिया है। विशेष न्यायाधीश विनोद कुमार देवांगन, NIA एक्ट/अनुसूचित अपराध ने अपना फैसला सुनाते हुए पुलिस की ​जब्त बताई गई 15 लाख रुपये   ठेकेदार बीके लाला को लौटाने का भी आदेश दिया है।

- Advertisement -

इस मामले में  पुलिस का कहना था कि , 8 सितंबर 2011 को दंतेवाड़ा जिले के कुआकोंडा थाना प्रभारी उप निरीक्षक उमेश साहू को मुखबिर से सूचना मिली थी कि, ठेकेदार बीके लाला किरंदुल में स्थित एस्सार कंपनी की ओर से नक्सलियों को लिंगाराम कोड़ोपी एवं सोनी सोढ़ी के माध्यम से पालनार के साप्ताहिक बाजार के पास 15 लाख रुपए देने वाला है।

इसी सूचना के आधार पर 9 सितंबर 2011 को थाना प्रभारी उप निरीक्षक उमेश साहू सादी वेशभूषा में पालनार के साप्ताहिक बाजार के आस-पास, पुलिया, जंगल में छिपे थे।

उसी दौरान ठेकेदार बीके लाला अपनी बोलेरो पिकअप वाहन से बाजार आया। जिसने यहां पहले से ही मौजूद लिंगाराम कोड़ोपी और सोनी सोढ़ी को ​15 लाख रुपए निकाल कर लिंगा राम कोड़ोपी को दे रहा था। उसी समय पुलिस ने मौके पर पहुंच कर बीके लाला और लिंगा को पकड़ लिया। वहीं सोनी सोरी   बाजार की भीड़ में कहीं चली गई थी।

Leave A Reply

Your email address will not be published.