बारनवापारा अभयारण्य के जंगलों में छोड़े गए दो काले हिरणों की मौत

छत्तीसगढ़  के बारनवापारा अभयारण्य के जंगलों  में छोड़े गए दो काले हिरणों की मौत हो गई। जिसमें एक की कुत्ते के काटने से एवं दूसरे की मौत खाना न पचने के कारण होना बताया जा रहा है।

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पिथौरा| छत्तीसगढ़  के बारनवापारा अभयारण्य के जंगलों  में छोड़े गए दो काले हिरणों की मौत हो गई। जिसमें एक की कुत्ते के काटने से एवं दूसरे की मौत खाना न पचने के कारण होना बताया जा रहा है।

ज्ञात हो कि 4 वर्ष पहले बलौदाबाजार वनमंडल के बारनवापारा अभयारण्य में कोई 50 काले हिरणों को कानन पेंडारी जंगल बिलासपुर से लाया गया था। इन्हें बारनवापारा के पास एक बाडा बना कर रखा गया था। जो अभी तक वहीं रखे हुए पले बढ़े।लिहाजा अब काले हिरणों का कुनबा बढ़कर 80 पार हो गया है।

मिली जानकारी के अनुसार विगत पांच वर्षों से बाड़े में कैद काले हिरण अब जंगल मे घूम कर अपना पेट भरने से परहेज करते दिख रहे है।लिहाजा छोड़े गए अधिकांश काले हिरण वन ग्रामो के आसपास ही नजर आ रहे है।

विगत सप्ताह प्रायोगिक तौर पर 11 काले हिरण छोड़े गए| उसके बाद जंगल के माहौल में ढालने के लिए जंगल के अंदर वनभैंसा के लिए बनाए गए एक बाड़े में लाये गए हिरणों में से कुछ और काले हिरणों को जंगल मे छोड़ा गया था।जिससे छोड़े गए हिरणों की संख्या 40 हो गयी थी। इनमें  17 नर एवं 23 मादा हैं।

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 एक हिरण की अपच एवम दूसरे की कुत्ता काटने से मौत 
वन विभाग के सूत्रों के अनुसार जंगल के अंदर स्थित खैर छापर स्थित वनभैसों के लिए बनाए गए बाड़े में रखा गया है। ये बाड़ा प्राकृतिक तौर पर हिरणों के रहने के लायक समझकर उन्हें वहां रख दिया गया।परन्तु, वहां एक काले हिरण की मौत हो गई। जिसका पोस्टमॉर्टम करवा कर उसका अंतिम संस्कार करवा दिया गया।पोस्टमॉर्टम करने वाले पशु चिकित्सक लोकेश वर्मा ने बताया कि खाना न पचने के कारण हिरण का पेट फूल गया था, जिससे उसकी मौत हो गई। वही दूसरा हिरन देबपुर वन परिक्षेत्र के तहत ग्राम पकरीद के मुहाने पर आवारा कुत्तों के काटने से मारा गया।इसका भी पोस्टमार्टम करवा कर अंतिम संस्कार कर दिया गया।

10 दिन देखरेख के बाद छोड़ा गया था

वन विभाग द्वारा काले हिरणों को लगभग 10 दिनों तक जंगल स्थित वनभैंसा बाड़े में निगरानी में रखकर 11 फरवरी को पहली खेप जंगल में छोड़ा गया तथा दूसरी खेप को 4 मार्च को जंगल में छोड़ा गया। इस तरह 17 नर एवं 23 मादाओं को जंगल में छोड़ा गया है।

गांवों  के नजदीक ही घूमते दिखते थे
इधर ग्रामीण सूत्रों ने बताया कि काले हिरण गांव के समीप ही बाड़े में रहने के कारण वन क्षेत्र से लगे गांव के पास ही विचरण करते रहते हैं। शनिवार को एक नर काला हिरण विचरण करते करते देवपुर वन परिक्षेत्र के कोसमसरा बीट में आने वाले ग्राम पकरीद के पास पहुंच गया था जिससे वह आवारा कुत्तों का शिकार हो गया और उसकी मौत हो गई।अभी भी काले हिरणों को वन ग्रामो के आसपास ही घूमते देखा जा सकता है जिससे उनके शिकार की आशंका भी बढ़ गयी है।

deshdigital के लिए रजिंदर खनूजा की रिपोर्ट

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