छत्तीसगढ़ महिला आयोग ने की कवर्धा एसपी, पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा चलाने की सिफारिश
छत्तीसगढ़ महिला आयोग ने जिला कवर्धा के लोहारीडीह गांव में हुई आगजनी के बाद पुलिस बर्बरता की शिकार दुर्ग जेल में बंद 33 महिलाओं की हालत के लिए पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिषेक पल्लव और अन्य पुलिसकर्मियों को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराते हुए उनपर हत्या का मुकदमा चलाने तथा जांच के लंबित रहने तक श्री पल्लव को निलंबित करने की सिफारिश की है.
रायपुर |छत्तीसगढ़ महिला आयोग ने जिला कवर्धा के लोहारीडीह गांव में हुई आगजनी के बाद पुलिस बर्बरता की शिकार दुर्ग जेल में बंद 33 महिलाओं की हालत के लिए पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिषेक पल्लव और अन्य पुलिसकर्मियों को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराते हुए उनपर हत्या का मुकदमा चलाने तथा जांच के लंबित रहने तक श्री पल्लव को निलंबित करने की सिफारिश की है.
आयोग की ओर से मंगलवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक राज्य महिला आयोग अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने गत 21 सितंबर को किये गए जांच के बाद अपनी जांच रिपोर्ट मुख्य न्यायाधीश (उच्चतम न्यायालय), राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष, राज्यपाल (छत्तीसगढ़ शासन) एवं मुख्य न्यायाधीश (छ.ग. उच्च न्यायालय बिलासपुर) को भेजा गया.
जांच की विस्तृत रिपोर्ट में ग्राम लोहारीडीह मामले के दुर्ग जेल के महिला बंदिनी प्रकोष्ठ के 33 महिलाओं की जांच में पाये गये तथ्य के आधार पर जांच रिपोर्ट, फॉरेंसिंक रिपोर्ट, रेकमेन्डेशन रिपोर्ट भी संलग्न की गई है.
महिला आयोग की अनुशंसा रिपोर्टदुर्ग जेल के महिला प्रकोष्ठ में बंद सभी 33 महिलाओं का डॉक्टरी परीक्षण तुरंत कराया जाए और उनकी चोटों की वीडियोग्राफी भी की जाए। यह कार्य पूर्व शासकीय अभिभाषक शमीम रहमान, तहसीलदार क्षमा यदु, और डॉ. कीर्ति बजाज की उपस्थिति में होना चाहिए.
एसपी अभिषेक पल्लव और लोहारीडीह में तैनात अन्य पुलिस अधिकारियों एवं पुलिसकर्मियों की शिनाख्त परेड कराई जाए ताकि जेल में बंद महिलाओं पर हमला करने वाले दोषी पुलिसकर्मियों की पहचान हो सके.
पुरूष कैदी स्व. प्रशांत साहू की मृत्यु के लिए कवर्धा पुलिस, एसपी अभिषेक पल्लव और अन्य पुलिसकर्मियों पर हत्या का मामला दर्ज किया जाए.
कवर्धा पुलिस द्वारा बिना सर्च वारंट के महिलाओं के घर का दरवाजा तोड़कर की गई गिरफ्तारी और थर्ड डिग्री का इस्तेमाल कर हमला करने वाले सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज हो.
4 सितंबर से 20 सितंबर 2024 तक एसपी अभिषेक पल्लव के शासकीय और निजी मोबाइल की कॉल डिटेल और लोकेशन की जांच कराई जाए. यह देखा जाए कि क्या इस दौरान किसी संदिग्ध नंबर से उनके पास कॉल आई थी। जांच पूरी होने तक उन्हें निलंबित किया जाए.
इस रिपोर्ट में पुलिस बर्बरता और मानवाधिकारों के उल्लंघन के गंभीर आरोप लगाए गए हैं.