अधिकारियों के डांटने के बाद रेलकर्मी ने फांसी लगाई, ऑफिस सुपरिटेंडेंट था दिव्यांग कर्मचारी

रेलवे के ऑफिस सुपरिटेंडेंट ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना की सूचना मिलने के बाद मर्ग कायम कर पुलिस मामले की जांच कर रही। पुलिस के अनुसार शव के पास कोई भी सुसाइड नोट नहीं मिला है।

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रायपुर| रेलवे के ऑफिस सुपरिटेंडेंट ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना की सूचना मिलने के बाद मर्ग कायम कर पुलिस मामले की जांच कर रही। पुलिस के अनुसार शव के पास कोई भी सुसाइड नोट नहीं मिला है।

बुधवारी बाजार निवासी चंदन टोप्पो(45) रेलवे में ऑफिस सुपरिटेंडेंट थे। रविवार की सुबह चंदन का शव उसके घर के कमरे में फांसी के फंदे पर लटकी मिली। इसकी सूचना पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंच पुलिस ने पंचनामा कर लाश को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। सूत्रों के अनुसार दो दिन पहले चंदन के साथ सीनियर अधिकारियों ने गाली गलौज की थी।

तोरवा थाना प्रभारी एस.एन. पटेल ने बताया कि चंदन घर पर अकेला रहा करता था। उसका परिवार सरगुजा में रहता है। घटना की जानकारी पुलिस ने परिवार को दे दी है। बिलासपुर पहुंचने के बाद उनसे पूछताछ की जाएगी जिसके बाद पूरा मामला क्लीयर होगा।

पिछले डेढ़ महीने में रेलवे कर्मचारी द्वारा आत्महत्या करने का यह तीसरा मामला है। आज से 12 दिन पहले कंस्ट्रक्शन कॉलोनी निवासी मणिराम ठाकुर (42) ने अपने घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। वह रेलवे में सेक्शन इंजीनियर थे। जिस वक्त उन्होंने सुसाइड किया उससे कुछ दिन पहले उनकी पत्नी और बच्चे महासमुंद गए हुए थे। इसके बाद रात को उनकी पत्नी ने बात करने के लिए कॉल किया तो फोन रिसीव नहीं हुआ। उन्होंने पड़ोसी को देखने के लिए भेजा। घर का दरवाजा नहीं खुलने पर पड़ोसी ने खिड़की से झांक कर देखा तो अंदर फंदे से मणिराम का शव लटक रहा था।

3 अगस्त को रेल मंडल में ही पदस्थ एक अन्य सीनियर सेक्शन इंजीनियर छुट्टन लाल मीणा ने मालगाड़ी के सामने आकर जान दे दी थी। GRP को मृतक की जेब से सुसाइड नोट भी मिला था। इसमें उन्होंने अपनी मर्जी से सुसाइड करने की बात लिखी थीं। मामले में GRP ने पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया था।

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