लाखों के गबन के आरोपी, जाँच टीम को देख भागा निलंबित बोइरलामी पंचायत सचिव बहाल

पंचायत विभाग में एक और भ्रस्टाचार की शिकायत के बाद जांच का सामना कर रहे निलंबित पंचायत सचिव बगैर किसी को पंचायत प्रभार सौंपे एवम जांच टीम को पूरी तरह नजर अंदाज करने वाले पंचायत सचिव को जिला पंचायत ने बहाल कर दिया.

0 344
Wp Channel Join Now

पिथौरा| पंचायत विभाग में एक और भ्रस्टाचार की शिकायत के बाद जांच का सामना कर रहे निलंबित पंचायत सचिव बगैर किसी को पंचायत प्रभार सौंपे एवम जांच टीम को पूरी तरह नजर अंदाज करने वाले पंचायत सचिव को जिला पंचायत ने बहाल कर दिया. उक्त कार्यवाही से जिला पंचायत में किस तरह भ्रष्टाचार के आरोपियों को संरक्षण मिल रहा है, साफ झलकता है.

लाखों का गबन, जाँच टीम को देख भाग निकला पंचायत सचिव

पूरे मामले के बारे में बोइरलामी की महिला सरपंच मालती कुमार ने पंचायत सचिव बोईरलामी वृंदावन विश्वकर्मा पर भ्रस्टाचार के गम्भीर आरोप लगाते हुए कार्यवाही की मांग की है. बोईरलामी सरपंच श्रीमती मालती कुमार एवं ग्रामवासियों द्वारा लगातार 9 वर्षों तक बोइरलामी में कार्यरत रहे पंचायत सचिव वृंदावन विश्वकर्मा पर गंभीर आरोप लगाते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत महासमुंद को दिनांक 13/09/2022 को एक पत्र लिख कर गड़बड़ी करने वाले पंचायत सचिव पर कार्यवाही की मांग की थी.

शिकायत पत्र में सरपंच एवम ग्रामीणों ने लिखा है कि सचिव विरुद्ध 14वे वित्त, 15वे वित्त की राशि से बिना कार्य कराए फर्जी प्रस्ताव बनाकर नाली निर्माण, कोटना निर्माण जैसे अनेकों कार्यों की राशि स्वयं एवं अपने करीबियों के नाम पर सरपंच की डी.एस.सी का उपयोग करते हुए राशि आहरण किये जाने की शिकायत की गई थी.

शिकायत के बाद पिथौरा जनपद अधिकारी की अनुशंसा पर जिला पंचायत द्वारा बोइरलामी सचिव को निलम्बित कर दिया गया. इसके बाद पूरे मामले की जांच हेतु 3 सदस्यीय जांच समिति बनाई गई.  परन्तु समिति द्वारा सचिव को नोटिस के बाद भी सचिव जांच में उपस्थित नहीं हुए. वही दूसरी ओर स्थानीय जनपद की अनुशंसा पर जिला पंचायत द्वारा सचिव वृंदावन विश्वकर्मा को निलंबित किया गया.

 तीन माह में न प्रभार दिया, न जांच में सहयोग

सचिव के निलंबन को कोई 3 माह बीत जाने के बाद भी आज तक ना तो सरपंच एवं ग्रामवासियों द्वारा की गई शिकायत की जांच की गई और ना ही पूर्व सचिव वृंदावन विश्वकर्मा द्वारा वर्तमान पदस्थ सचिव क्लेश कुमार महेश्वरी को प्रभार सौंपा गया.  ज्ञात हो कि ग्रामीणो के प्रमाणित गड़बड़ी की शिकायत की जांच हेतु बकायदा एक टीम तो बनाई गई परन्तु इस जांच टीम के बार बार नोटिस के बाद भी सचिव द्वारा जांच टीम को कोई सहयोग नही किया गया और ना ही कोई दस्तावेज दिखाए गए.

 जांच में असहयोग,परिणाम पुनः बहाली
इधर ग्रामीणों की शिकायत के आधार पर स्थानीय जनपद द्वारा जांच हेतु बनाई गई टीम के सामने उपस्थित नही होने एवम सहयोग नही करने के बस भी स्थानीय जनपद पंचायत की अनुशंसा पर सचिव को बहाल कर दिया गया. इस कार्यवाही से सचिव की राजनीतिक पहुंच ने ग्रामीणों की पूरी शिकायत ही निरस्त कर ग्रामीणों में खलबली मचा दी है.

जिला पंचायत ने किया बहाल, जांच टीम बेहाल 

गड़बड़ी के गम्भीर आरोपो से घिरे विवादित पंचायत सचिव को पहले निलंबित करने की अनुशंसा करने वाली स्थानीय जनपद ने अब अचानक विवादित सचिव को बहाल करने की अनुशंसा कर दी जिससे जिला पंचायत द्वारा सचिव को पुनः बहाल कर अनुशासन हीनता के बाद भी प्रभार दे दिया गया.

इस सम्बंध में स्थानीय जनपद सी ई ओ सनद महादेवा ने इस प्रतिनिधि को बताया कि बोइरलामी सचिव के विरुद्ध गड़बड़ी की शिकायत के बाद जांच टीम बनाई गई है जो जांच कर रही है.

 पूरी पंचायत की जांच की जाएगी–जिला सीईओ
उक्त मामले में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एस आलोक ने बताया कि पिथौरा जनपद की अनुशंसा पर ही पहले निलंबित और याब बहाल भी किया गया है।उक्त सचिव के विरुद्ध भारी गड़बड़ी की शिकायत को अब गम्भीरता से लिया जा रहा है. पूरी ग्राम पंचायत की ही जांच करवाई जाएगी क्योंकि निलंबन बाद में नियुक्त सचिव सोनी के विरुद्ध भी ग्रामीण शिकायत कर रहे थे. इसलिए पूरी पंचायत की जांच आवश्यक है.

यह भी पढ़ें

पिथौरा का एक पंचायत सचिव ऐसा भी

बहरहाल पिथौरा जनपद में एक के बाद ग्राम पंचायत सचिव आसानी से गड़बड़ी कर लेते है. इनकी शिकायत भी होती है और निलंबन भी।इसके बावजूद इनकी राजनीतिक पकड़ के चलते इन्हें न तो ज्यादा दिन निलम्बित रखा जा सकता है और ना ही ये पहुच वाले सचिव जांच टीम में सहयोग करते है.अब आवश्यकता इस बात की है कि जिला एवम प्रदेश स्तर के अधिकारी ऐसे मामलों में संज्ञान लेकर भारी गड़बड़ी की जांच करवाएं और दोषियों पर कार्यवाही करें, अन्यथा इस तरह की शिकायतों एवम अफसरों की संलिप्तता से उपज रहे  ग्रामीणों केआक्रोश का खामियाजा आने वाले चुनाव में सरकार को भुगतना पड़ सकता है.

deshdigital के लिए रजिंदर खनूजा 

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.