केंद्र सरकार ने राज्यसभा में हंगामे और विपक्ष के हमले के आरोपों को खारिज किया
राज्यसभा में हुए हंगामे और विपक्ष के मारपीट के आरोपों को केंद्र सरकार ने खारिज किया है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के नेतृत्व में संसद से विजय चौक तक विरोध मार्च निकालने की घटना के बाद केंद्र सरकार के आधे दर्जन मंत्रियों ने प्रेस कांफ्रेंस कर विपक्ष को कटघरे में खड़ा किया।
नई दिल्ली: राज्यसभा में हुए हंगामे और विपक्ष के मारपीट के आरोपों को केंद्र सरकार ने खारिज किया है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के नेतृत्व में संसद से विजय चौक तक विरोध मार्च निकालने की घटना के बाद केंद्र सरकार के आधे दर्जन मंत्रियों ने प्रेस कांफ्रेंस कर विपक्ष को कटघरे में खड़ा किया।
मंत्रियों ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए चोरी और ऊपर से सीनाजोरी करने की बात कही।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सदन में देश से जुड़े विषयों को उठाना चाहिए, लेकिन विपक्ष ने सड़क से संसद तक अराजकता किया।
विपक्ष को जनता के टैक्स के पैसे की न तो फिक्र रही और न ही संवैधानिक मूल्यों की। विपक्ष को घड़ियाली आंसू बहाने की बजाए देश से माफी मांगनी चाहिए।
People wait for their issues to be raised in #Parliament. Whereas anarchy remained the Opposition's agenda. They didn't even care about people, taxpayers' money. Opposition must apologise to the nation, says Union Minister @ianuragthakur pic.twitter.com/OfFMWftJ1T
— DD News (@DDNewslive) August 12, 2021
संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि संसद का मानसून सेशन अभी खत्म हुआ। दुर्भाग्यपूर्ण है कि पहले दिन से ही जब सर्वदलीय मीटिंग हुई थी, उसमें प्रधानमंत्री भी हिस्सा लिए थे, तब पहले दिन से ही विपक्ष ने सदन न चलने के संकेत दिए थे।
टीएमसी और कांग्रेस के सांसदों ने अराजकता की हद पार कर दी।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि विपक्ष की मंशा शुरू से स्पष्ट थी। मिनिस्टर के हाथ से कागज छीनना, सस्पेंड होने के बाद भी माफी भी नहीं मांगना और महिला मार्शल को चोट लगना, ये सब विपक्ष के अराजकता के उदाहरण हैं।
नौ तारीख को भी सदन में विपक्ष ने भद्दा प्रदर्शन किया। रूल बुक चेयर के ऊपर फेंका गया। एक प्रकार से यह चेयर और सेक्रेटरी जनरल के ऊपर कातिलाना हमला था।
ऐसे सांसदों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। विपक्ष के सांसद माफी तो छोड़िए, सीना चौड़ाकर सौ बार ऐसी घटनाएं करने की बात कह रहे हैं। पूरे सदन की गरिमा गिराते हुए विपक्ष ने जनता के बीच में बहुत प्रश्न चिह्न् खड़ा कर दिया।