वोटर आईडी को आधार से लिंक करने वाला विधेयक लोकसभा में पारित
वोटर आईडी को आधार से लिंक करने वाला चुनाव सुधार संबंधी विधेयक विपक्ष के हंगामे के बीच पारित कर दिया गया।
नई दिल्ली| वोटर आईडी को आधार से लिंक करने वाला चुनाव सुधार संबंधी विधेयक विपक्ष के हंगामे के बीच पारित कर दिया गया। बिल पारित होने के तुरंत बाद लोकसभा की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी गई. इस विधेयक के तहत मतदाता सूची में दोहराव और फर्जी मतदान रोकने के लिए वोटर कार्ड और सूची को आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा।
इस कानून के बनने से देश के हर नागरिक को आने वाले दिनों में अपने वोटर आईडी को भी आधार से लिंक करना पड़ेगा इस बिल का विपक्ष ने इसका विरोध किया।
Aadhaar only meant to be proof of residence, it's not proof of citizenship. If you're in a position asking Aadhaar for voters, all you're getting is a document that reflects residence, not citizenship. You're potentially giving the vote to non-citizens: Congress MP Shashi Tharoor pic.twitter.com/WivlZooPGY
— ANI (@ANI) December 20, 2021
कांग्रेस की ओर से शशि थरूर ने पक्ष रखा और कहा, ‘आधार का मतलब केवल निवास का प्रमाण है, यह नागरिकता का प्रमाण नहीं है। यदि आप मतदाताओं के लिए आधार मांग रहे हैं, तो आपको केवल एक दस्तावेज मिल रहा है जो नागरिकता नहीं बल्कि निवास दर्शाता है।’
My additional objection in the Lok Sabha to relying on Aadhaar in electoral rolls. @KirenRijiju (whom you hear being given the floor after my brief remarks) had no answer on this particular point. The bill was introduced anyway amid the din, on the basis of a voice vote. pic.twitter.com/UXgSU31DfO
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) December 20, 2021
उधर लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, इस बिल को स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए। इसमें बहुत सारी कानूनी कमियां हैं। यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है और जो हमारी निजता का उल्लंघन करता है। इससे लाखों लोगों के चुनावी अधिकार छिन सकते हैं।
केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने जवाब देते हुए कहा कि स्टैंडिंग कमिटी में व्यापक चर्चा के बाद ये बिल लाया गया है। उन्होंने कहा कि हम अपनी मर्जी से ये बिल नहीं लाए हैं। कमिटी ने वोटर डेटा को आधार से लिंक करने का प्रस्ताव दिया था।
चुनाव आयोग 2015 से ही वोटर आईडी को आधार से लिंक करने की मांग कर रहा है। चुनाव आयोग ने आधार को मतदाता पहचान संख्या से जोड़ने के लिए राष्ट्रीय चुनाव कानून शुद्धिकरण और प्रमाणीकरण कार्यक्रम शुरू किया भी था। लिंकिंग से वोटर आईडी में एक शख्स का नाम एक ही बार आएगा|