जंगली सुअर wild boar का करंट से शिकार ,2 शिकारी गिरफ्तार

जंगली सुअर का करंट से शिकार करते 2 शिकारियों को सोनाखान वन विभाग ने गिरफ्तार किया है|  फरार एक आरोपी की तलाश जारी है|

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पिथौरा| जंगली सुअर wild boar का करंट से शिकार करते 2 शिकारियों को सोनाखान वन विभाग ने गिरफ्तार किया है|  फरार एक आरोपी की तलाश जारी है| तीनों आरोपियों के विरुद्ध वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत कार्यवाही की गई है |

विभागीय सूत्रों  के अनुसार सोनाखान वन परिक्षेत्र के असनीद बीट के कक्ष क्रमांक 212 के समीप खेत में जंगली सुअर के शिकार के लिए शिकारियों ने जीआईतार फैलाकर रखा था । इस करंट युक्त तार में फंसकर एक जंगली सुअर मारा गया था। इसके बाद वन विभाग को घटना की सूचना मिलते ही पतासाजी कर 2 आरोपी को गिरफ्तार किया गया है वही एक आरोपी फरार बताया जा रहा है ।

आरोपी जय सिंग पिता केजू राम ध्रुव असनीद, भोजराम उर्फ बब्लू पिता दाऊराम ध्रुव असनीद  ने विभागीय पूछताछ में शिकार की बात कबूल करते हुए बताया कि 1 दिसंबर को रात 8 बजे हम तीनों लोग जी आई तार , फरसा ,टार्च लेकर शिकार करने असनीद बीट के कक्ष क्रमांक 212 के समीप खेत की तरफ जाकर जी आई तार से खेत में करंट लगाया था ।

जब वे  10 बजे रात को घटना स्थल गए तब तक जंगली सुअर की करंट से मौत हो गयी थी ।  जंगली सुअर को मेरे घर ले गए जहां पर उसे काटकर गोश्त बनाया गया । जो कि 30 किलो के आसपास था। तत्पश्चात तीनों मांस को आपस में बंटवारा कर लिए । अपने अपने घर मे पकाकर खा लिए ।

एस डी ओ विनोद ठाकुर व गोविंद सिंह वन परिक्षेत्र अधिकारी सोनाखान के निर्देशन में वन विभाग को मुखबिर से जानकारी मिलने पर आरोपी बब्लू के घर दबिश दी गयी। उसके यहां कच्चा मांस जब्त किया गया । तीनो आरोपी के खिलाफ वन प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 एवं वन्य जीव संरक्षण संशोधन अधिनियम 2002 के तहत कार्यवाही की जा रही है ।

उक्त प्रकरण में  आर के दुबे परिक्षेत्र सहायक देवतराई , अश्वनी रात्रे परिसर रक्षी असनीद, राकेश कुमार चंद्रा , अश्वनी कुमार साहू, रमाकांत पटेल , प्रभु राम कंवर , राजकुमार , परमेश्वर , संजय ,हीरा सिंग, सुरेश का प्रमुख रूप से योगदान रहा।

पढ़ें: करंट देकर सांभर का शिकार करने वाले 4 ग्रामीण गिरफ्तार

ज्ञात हो कि अभ्यारण्य के आसपास के परिक्षेत्रों में वन्य प्राणी के बेतहाशा  शिकार हो रहे हैं |  पड़ोस के देवपुर वन परिक्षेत्र में एक पूर्णकालिक रेंजर के पदस्थ रहते तक सप्ताह में एक दो शिकार के प्रकरण पकड़े जाते थे |

ग्रामीणों की मानें तो  डिप्टी रेंजर को प्रभार मिलने के बाद से शिकार के प्रकरण बनने ही बन्द हो गए।   पदस्थ प्रभारी रेंजर के बारे में बताया जाता है कि वे पूर्व में शिकार करने के ही आरोप  में जेल की हवा भी खा चुके हैं । बाद में न्यायलयीन प्रक्रिया के तहत बरी होने के बाद उन्हें पुनः बहाल किया गया था।

deshdigatal के लिए पिथौरा से रजिंदर खनूजा

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